PM मोदी ने चक्रवात ‘ताउ ते’ को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की, लोगों को सुरक्षित निकालने और हरसंभव उपाय करने के दिये निर्देश
cyclone Tauktae, Narendra Modi, India Meteorological Department : नयी दिल्ली : तूफानी चक्रवात 'ताउ ते' से उत्पन्न स्थिति से निबटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रालयों, संबंधित राज्यों और एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा को लेकर शनिवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान इस बात पर भी चर्चा हुई कि कैबिनेट सचिव तटीय राज्यों के मुख्य सचिवों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों व एजेंसियों के लगातार संपर्क में हैं. गृह मंत्रालय 24*7 स्थिति की समीक्षा कर रहा है और संबंधित राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय एजेंसियों के संपर्क में है.
नयी दिल्ली : तूफानी चक्रवात ‘ताउ ते’ से उत्पन्न स्थिति से निबटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रालयों, संबंधित राज्यों और एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा को लेकर शनिवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान इस बात पर भी चर्चा हुई कि कैबिनेट सचिव तटीय राज्यों के मुख्य सचिवों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों व एजेंसियों के लगातार संपर्क में हैं. गृह मंत्रालय 24*7 स्थिति की समीक्षा कर रहा है और संबंधित राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय एजेंसियों के संपर्क में है.
PM Narendra Modi took a high-level meeting to review the preparedness of States & Central Ministries/Agencies concerned to deal with the situation arising out of Cyclone Tauktae: PMO pic.twitter.com/ppq127cOZK
— ANI (@ANI) May 15, 2021
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि चक्रवात ‘ताउ ते’ के 18 मई दोपहर-शाम तक पोरबंदर और नलिया के बीच गुजरात तट को छूने की उम्मीद है. इसकी हवा की गति 175 किमी प्रतिघंटे तक है. गुजरात के तटीय जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है. इसमें जूनागढ़ और गिर सोमनाथ में अत्यधिक भारी वर्षा और सौराष्ट्र कच्छ और दीव जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा शामिल है, जैसे- गिर सोमनाथ, दीव, जूनागढ़, पोरबंदर , देवभूमि द्वारका, अमरेली, राजकोट, जामनगर.
आईएमडी ने मोरबी, कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिलों के तटीय इलाकों और पोरबंदर, जूनागढ़, दीव, गिर सोमनाथ, अमरेली, भावनगर और 0.5 से दो मीटर तक के तटीय इलाकों में खगोलीय ज्वार से करीब 2-3 मीटर ऊपर तूफान की चेतावनी दी है. आईएमडी सभी संबंधित राज्यों को नवीनतम पूर्वानुमान के साथ 13 मई से तीन घंटे के बुलेटिन जारी कर रहा है.
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को एसडीआरएफ की पहली किस्त पहले ही जारी कर दी है. एनडीआरएफ ने छह राज्यों में 42 टीमों को पहले से तैनात किया है, जो नावों, पेड़ काटने वालों, दूरसंचार उपकरणों आदि से लैस हैं और 26 टीमों को स्टैंडबाय पर रखा है. भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने राहत, खोज और बचाव कार्यों के लिए जहाज और हेलीकॉप्टर तैनात किये हैं.
थल सेना, वायु सेना और इंजीनियर टास्क फोर्स इकाइयां, नावों और बचाव उपकरणों के साथ, तैनाती के लिए तैयार हैं. मानवीय सहायता और आपदा राहत इकाइयों के साथ सात जहाज पश्चिमी तट पर स्टैंडबाय पर हैं. निगरानी विमान और हेलीकॉप्टर पश्चिमी तट पर लगातार निगरानी कर रहे हैं. आपदा राहत दल और चिकित्सा दल त्रिवेंद्रम, कन्नूर और पश्चिमी तट के साथ अन्य स्थानों पर स्टैंडबाय हैं.
विद्युत मंत्रालय बिजली की तत्काल बहाली के लिए ट्रांसफॉर्मर, डीजी सेट और उपकरण आदि तैयार कर रहा है. दूरसंचार मंत्रालय सभी दूरसंचार टावरों और एक्सचेंजों पर लगातार नजर रख रहा है और दूरसंचार नेटवर्क को बहाल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रभावित क्षेत्रों में कोरोना पर स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए, प्रभावित होने की संभावना वाले राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह जारी की है. आपातकालीन दवाओं के साथ 10 त्वरित प्रतिक्रिया चिकित्सा दल और पांच सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया दल भी तैयार रखे हैं. बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने सभी शिपिंग जहाजों को सुरक्षित करने के उपाय किये हैं और आपातकालीन जहाजों को तैनात किया गया है.
प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव उपाय करने का निर्देश दिया कि राज्य सरकारों द्वारा लोगों को सुरक्षित रूप से निकाला जाये और सभी जरूरी सेवाओं जैसे बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य, पेयजल आदि के रखरखाव को सुनिश्चित किया जाये और उन्हें तुरंत बहाल कर दिया जाये. उन्होंने अस्पतालों में कोविड प्रबंधन, वैक्सीन कोल्ड चेन और आवश्यक दवाओं के भंडारण और आवश्यक दवाओं के भंडारण पर अन्य चिकित्सा सुविधाओं पर विशेष तैयारी सुनिश्चित करने और ऑक्सीजन टैंकरों की निर्बाध आवाजाही की योजना बनाने का निर्देश दिया. उन्होंने कंट्रोल रूम को चौबीसों घंटे चलाने के भी निर्देश दिये.