पीएम मोदी ने किया अधिवक्ता सम्मेलन का उद्घाटन, कहा- आसान भाषा में कानून बनाने का प्रयास कर रही सरकार
दिल्ली के विज्ञान भवन में अंतर्राष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कानून की भाषा और सरलता न्याय वितरण प्रणाली का एक और क्षेत्र है जिसके बारे में ज्यादा बात नहीं की जाती है. पहले, किसी भी कानून का मसौदा तैयार करना बहुत जटिल होता था. हम इसका समाधान ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं.
बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित 23 और 24 सितंबर को न्यायिक व्यवस्था में उभरती चुनौतियां विषय पर अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. सम्मेलन का उद्घाटन पीएम मोदी ने किया. इस दौरान पीएम मोदी ने वहां मौजूद अधिवक्ताओं को संबोधित भी किया. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार जितना संभव हो सके आसान तरीके से और भारतीय भाषाओं में कानून बनाने की दिशा में ईमानदारी से प्रयास कर रही है. अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि कानून लिखने और न्यायिक प्रक्रिया में जिस भाषा का इस्तेमाल किया जाता है, वह न्याय सुनिश्चित करने में एक बड़ी भूमिका निभाती है.
दिल्ली के विज्ञान भवन में अंतर्राष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कानून की भाषा और सरलता न्याय वितरण प्रणाली का एक और क्षेत्र है जिसके बारे में ज्यादा बात नहीं की जाती है. पहले, किसी भी कानून का मसौदा तैयार करना बहुत जटिल होता था. हम इसका समाधान ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं. हमने डेटा सुरक्षा कानून को सरल बनाने के लिए पहला कदम उठाया है. इस दौरान पीएम मोदी ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय को वादी की भाषा में निर्णयों के ऑपरेटिव हिस्से उपलब्ध कराने के लिए बधाई भी दी.
#WATCH | Language and simplicity of law is another area of the justice delivery system which isn't talked about much… Earlier, any law's drafting was very complex. We are trying to find solutions to this. We have taken the first step to simplify Data protection law…: PM Modi… pic.twitter.com/4eyS5L5HM5
— ANI (@ANI) September 23, 2023
पीएम मोदी ने विधि क्षेत्र के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार में हम लोग सोच रहे हैं कि कानून दो तरीकों से पेश किया जाना चाहिए. एक मसौदा उस भाषा में होगा जिसका आप इस्तेमाल करते हैं. दूसरा मसौदा उस भाषा में होगा जिसे देश का आम आदमी समझ सकता है. उन्हें अपनी भाषा में कानून समझ आना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि कानून को जटिल भाषा में बनाने का चलन रहा है. विधि समुदाय की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि न्यायपालिका और बार भारत की न्याय प्रणाली के लंबे समय से संरक्षक रहे हैं और वे भारत की आजादी में अहम भूमिका निभाते हैं. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, बी आर आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल भी वकील थे.
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प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन ऐसे वक्त में हो रहा है जब भारत कई ऐतिहासिक क्षणों का गवाह बना है. संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित होने को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि यह महिलाओं की अगुवाई में विकास को एक नयी दिशा के साथ-साथ ऊर्जा भी देगा. उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन और सफल चंद्रयान मिशन की भी बात की. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत 2047 तक विकसित देश बनने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है जिसके लिए उसे मजबूत और निष्पक्ष न्यायिक प्रणाली की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि भारत पर दुनिया के बढ़ते विश्वास में निष्पक्ष न्याय की एक बड़ी भूमिका है.