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डॉ हरेकृष्ण महताब की पुस्तक ओड़िशा इतिहास का पीएम मोदी ने किया हिंदी में लोकार्पण बोले, इतिहास अतीत नहीं भविष्य का आईना भी

अबतक यह पुस्तक सिर्फ अंग्रेजी और ओड़िया में थी अब इस क्षेत्र में जानकारी हासिल करने की इच्छा रखने वाले लोग हिंदी में भी इसे पढ़ सकेंगे. इस पुस्तक को उत्तकल केशरी डॉ हरेकृष्ण महताब द्वारा लिखा गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 9, 2021 2:00 PM

जिस पार्टी से चुनाव लड़े लोकतंत्र बचाने के लिए उसका भी विरोध किया पुस्तक लोकार्पण में पीएम ने कुछ इस तरह डॉ हरेकृष्ण महताब को याद किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओड़िशा इतिहास के हिंदी संस्करण की पुस्तक का विमोचन कर रहे थे इस दौरान उनहोंने “उत्तकल केशरी” डॉ हरेकृष्ण महताब को कुछ इस तरह याद किया ओड़िशा का इतिहास जिसे डॉ हरेकृष्ण महताब ने लिखा है.

अबतक यह पुस्तक सिर्फ अंग्रेजी और ओड़िया में थी अब इस क्षेत्र में जानकारी हासिल करने की इच्छा रखने वाले लोग हिंदी में भी इसे पढ़ सकेंगे. इस पुस्तक को उत्तकल केशरी डॉ हरेकृष्ण महताब द्वारा लिखा गया है.

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लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, हमने डेढ़ साल पहले उत्तकल केसरी हरेकृष्ण महजाब जी की 120 वीं जयंती मनायी और आज हमें हिंदी उनकी किताब का लोकर्पण करने का अवसर मिला है. उनकी यह किताब प्रसिद्ध है. अब यह किताब और भी लोगों तक अपनी पहुंच बनायेगा. इस किताब में ओड़िशा इतिहास है जो कई तरह कि विविधताओं से भरा हुआ है.

प्रधानमंत्री ने उनके स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को याद करते हुए कहा, महात्मा गांधी ने जब दांड़ी यात्रा शुरू की थी तो उन्होंने ओड़िशा का नेतृत्व किया था. पुस्तक उस वर्ष प्रकाशित हुई जब राष्ट्र में अमृत उत्सव मन रहा है.

प्रधानमंत्री ने किताब की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा, इसमें लिखा गया है कि हरेकृष्ण वो व्यक्ति थे जिन्होंने इतिहास बनाया, इसे बनते हुए देखा और लिखा भी. आजादी की लड़ाई में भी इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी जेल भी गये . देश की आजादी के साथ – साथ वह लोकतंत्र बचाने के लिए भी लड़े. जिस पार्टी की टिकट से चुनाव लड़े सीएम बनें उसी का विरोध किया जब आपातकाल लगा.

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इस मंच से प्रधानमंत्री ने कहा, इतिहास केवल अतीत का अध्याय नहीं है भविष्य का आईना भी है. अगर आप इस किताब से माध्यम से अतीत को खंगालेंगे तो आपको कई चीजें मिलेंगी. इसमें आपको ओड़िशा के साथ- साथ पूरे भारत के दर्शन होंगे

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