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पीएम श्री योजना के तहत स्कूलों के लिए जारी की पहली किस्त, PM Modi ने किया अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन

पीएम मोदी ने अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) का लक्ष्य भारत को अनुसंधान और इनोवेशन का केंद्र बनाना है. पीएम मोदी ने कहा कि एनईपी ने पारंपरिक ज्ञान प्रणाली से लेकर भविष्य की तकनीक को संतुलित तरीके से महत्व दिया है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यानी शनिवार को दिल्ली स्थित प्रगति मैदान के अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी सह सम्‍मेलन केंद्र परिसर (IEECC, आईईसीसी) यानी भारत मंडप में अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने ‘पीएम श्री योजना’ के तहत स्कूलों के लिए धनराशि की पहली किस्त भी जारी की. वहीं, कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि यह शिक्षा ही है जो देश की तकदीर बदलने की ताकत रखती है. देश जिस लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है, उसे हासिल करने में शिक्षा की अहम भूमिका है. आप इसके प्रतिनिधि हैं. पीएम मोदी ने कहा कि अखिल भारतीय शिक्षा समागम का हिस्सा बनना मेरे लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में पारंपरिक शिक्षा प्रणालियों और भविष्य की प्रौद्योगिकी को समान महत्व दिया गया है.

अखिल भारतीय शिक्षा समागम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP, एनईपी) का लक्ष्य भारत को अनुसंधान और इनोवेशन का केंद्र बनाना है. पीएम मोदी ने कहा कि एनईपी ने पारंपरिक ज्ञान प्रणाली से लेकर भविष्य की तकनीक को संतुलित तरीके से महत्व दिया है. रिसर्च इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए देश के शिक्षाविदों ने बहुत मेहनत की है. उन्होंने कहा कि हमारे छात्र नई चीजों से अच्छी तरह वाकिफ हैं. पीएम मोदी ने कहा कि वे जानते हैं कि 10+2 शिक्षा प्रणाली के बजाय, 5+3+3+4 प्रणाली लाई जा रही है. दुनिया भारत को नयी संभावनाओं की ‘नर्सरी’ के रूप में देख रही है, कई देश अपने यहां आईआईटी परिसर खोलने के लिए हमसे संपर्क कर रहे हैं. एनईपी के तीन साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने कहा कि युवाओं को उनकी प्रतिभा के बजाय उनकी भाषा के आधार पर आंकना सबसे बड़ा अन्याय है.

पीएम मोदी ने देखी एनईपी की प्रदर्शनी
अखिल भारतीय शिक्षा समागम के उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने देखी प्रदर्शनी
अखिल भारतीय शिक्षा समागम के उद्घाटन से पहले पीएम मोदी  ने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तीन साल पूरे होने के मौके पर यहां एक प्रदर्शनी का अवलोकन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने वहीं मौजूद छात्रों से भी बातचीत की. उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ‘पीएम श्री योजना’ के तहत धन की पहली किस्त जारी किया. बता दें, इस योजना के तहत केंद्र एवं राज्य सरकारों के साथ ही स्थानीय निकायों की ओर से प्रबंधित स्कूलों में से मौजूदा स्कूलों को मजबूत करके 14500 से अधिक पीएम श्री स्कूलों की स्थापना का प्रावधान है. ये स्कूल छात्रों को इस तरह से पोषित करेंगे कि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 द्वारा परिकल्पित न्यायसंगत, समावेशी और बहुलवादी समाज के निर्माण के लिए योगदान देने वाले नागरिक बनें.

क्या है पीएम श्री योजना
गौरतलब है कि केंद्रीय कैबिनेट ने 7 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (PM SHRI) नाम की नई केंद्र प्रायोजित योजना को मंजूरी दी थी. इस योजना के तहत स्कूल यह साबित करने की कोशिश करेंगे की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को किस तरह बेहतर तरीके से लागू किया जा सकता है.  पीएम श्री योजना 2022-23 से लेकर 2026-27 तक के लिए है. बता दें, पीएम श्री स्कूल का ऑनलाइन पोर्टल बीते साल यानी नवंबर 2022 को लॉन्च किया गया था. पीएम श्री स्कूल योजना में शामिल होने के लिए स्कूलों को इस पोर्टल पर आवेदन देना होता है. योजना के तहत खुलने वाले विद्यालय मॉडल स्कूल होंगे. स्कूलों में नयी तकनीक, स्मार्ट क्लास के साथ-साथ खेलकूद और मॉडर्न स्ट्रक्चर के ऊपर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

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पीएम श्री योजना में कई लाभ हैं-

  • देशभर के करीब 14500 विद्यालयों की पुराने शिक्षण पद्धति में बदलाव और उसे नया रूप देने का कोशिश की जाएगा. 

  • स्कूलों को अपग्रेड किया जाएगा. सभी स्कूल आधुनिक नयी शिक्षा नीति (NES) से जुड़ेंगे.

  • स्कीम से नयी टेक्नोलॉजी, स्मार्ट कक्षाएं, डिजिटल बोर्ड, खेल की सामग्री, इन्टरनेट कनेक्टिविटी की सुविधाएं मिलेंगी.

  • स्कूल पानी के बचाव, वेस्ट रीसाइकिल, एनर्जी एफिसिएंट बेसिक स्ट्रक्चर के साथ ग्रीन स्कूल की तरह डेवलप किया जाएगा.

  • स्कूल को मॉडर्न लैबोरेट्री भी दिया जाएगा. जिससे छात्रों को विज्ञान और तकनीक की प्रयोगात्मक शिक्षा मिल सकेगी.

  • उच्च विद्यालय एवं शिक्षण संस्थान हर स्कूल को परामर्श देंग

  • छात्रों को देश दुनिया को लेकर जागरूक किया जाएगा और विभिन्न जानकारी दी जाएगी

  • शिक्षा में भाषा आड़े न आये इसके लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा.
    छात्रों को मनोवैज्ञानिक और पेशेवर शिक्षक मिलेंगे.

    भाषा इनपुट के साथ

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