नयी दिल्ली: पेट्रोल-डीजल (Petrol Diesel Price Hike) की लगातार बढ़ती कीमतों पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) हरकत में आ गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को तेल कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक की. इस बैठक में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर (सीएमडी) मुकेश अंबानी, रूस की रोसनेफ्ट के चेयरमैन और सीईओ आईगोर सेचिन के अलावा सऊदी आरामको के प्रेसिडेंट सह सीईओ अमीन नसीर शामिल हुए.
पीएमओ ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेल एवं गैस कंपनियों के प्रमुखों और विशेषज्ञों के साथ बैठक में तेल के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के मुद्दे पर चर्चा की. बैठक में राजस्व के नुकसान की बजाय उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया गया. पीएम ने कंपनियों के प्रमुखों से कहा कि वे भारत में तेल एवं गैस सेक्टर में भारत सरकार के साथ मिलकर काम करें.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया है कि विश्व की बड़ी तेल-गैस कंपनियों के प्रमुखों के साथ बातचीत की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई थी. यह छठा मौका है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैश्विक तेल कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक कर रहे हैं. ऐसी बैठकों में आमतौर पर पीएम मोदी इस क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों और भारत के साथ सहयोग और निवेश के संभावित क्षेत्रों का पता लगाने के लिए विचार-विमर्श करते रहे हैं.
PM Modi interacts with top oil and gas CEOs; The interaction is attended by Mukesh Ambani, Chairman & Managing Director, Reliance Industries Limited, Dr. Igor Sechin, Chairman & CEO, Rosneft, Russia and Amin Nasser, President & CEO, Saudi Aramco among others pic.twitter.com/vFoom4PN1b
— ANI (@ANI) October 20, 2021
इस बार की बैठक में कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने और पेट्रोल-डीजल की कीमतों की लिमिट तय करने पर चर्चा हो सकती है. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव तरुण कपूर ने बैठक से पहले बताया कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं. इसे नियंत्रित करने के लिए कच्चे तेल के उत्पादन में वृद्धि पर जोर दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री इन तेल कंपनियों के प्रमुखों के साथ बातचीत में कई मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं.
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प्रधानमंत्री इस बात की संभावना तलाशने की कोशिश करेंगे कि किसी और प्राइस इंडेक्स के आधार पर भारत तेल की खरीद कर सकता है या नहीं. भारत अन्य स्रोतों से तेल आयात करने के बारे में भी विचार कर रहा है, ताकि कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव की स्थिति में अर्थव्यवस्था पर बुरा असर न पड़े.
Posted By: Mithilesh Jha
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