नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत और यूरोपीय परिषद के नेताओं की बैठक में शामिल हुए. बैठक में भारत और यूरोपीय परिषद के नेताओं ने तीन व्यापक समूहों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप ने बताया कि बैठक में व्यापार, प्रौद्योगिकी और कनेक्टिविटी विषय पर बातें हुईं. साथ ही कोविड-19, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर बात हुई. इसके अलावा विदेश नीति, सुरक्षा और क्षेत्रीय मुद्दे पर बातें हुईं.
Today's meeting provided platform to leaders of India and EU to exchange views on three broad clusters – (1) trade, technology & connectivity, (2) COVID19, environment & climate change and (3) foreign policy, security and regional issues: Vikas Swarup, MEA Secretary (West) pic.twitter.com/yoMJjuN6bA
— ANI (@ANI) May 8, 2021
जानकारी के मुताबिक, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं की बैठक में भाग लिया. बैठक में सभी 27 यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के नेताओं के साथ-साथ यूरोपीय परिषद और यूरोपीय आयोग के अध्यक्षों की भागीदारी हुई. यह पहली बार है कि यूरोपीय संघ ने भारत के साथ यूरोपीय संघ और 27 प्रारूप में एक बैठक की मेजबानी की. बैठक यूरोपीय संघ की परिषद के पुर्तगाली राष्ट्रपति की पहल थी.
बैठक के दौरान नेताओं ने लोकतंत्र, मौलिक स्वतंत्रता, कानून के शासन बहुपक्षवाद के लिए एक साझा प्रतिबद्धता के आधार पर भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की इच्छा जतायी. बैठक में तीन प्रमुख विषयगत क्षेत्रों पर विचार विमर्श किया गया. इनमें (1) विदेश नीति और सुरक्षा, (2) कोविड-19, जलवायु और पर्यावरण और (3) व्यापार, कनेक्टिविटी और प्रौद्योगिकी शामिल हैं.
नेताओं ने संतुलित और व्यापक मुक्त व्यापार और निवेश समझौतों के लिए बातचीत फिर से शुरू करने के निर्णय का स्वागत किया. साथ ही भारत और यूरोपीय संघ ने एक महत्वाकांक्षी और व्यापक ‘कनेक्टिविटी पार्टनरशिप’ शुरू की. यह डिजिटल, ऊर्जा, परिवहन और लोगों से लोगों की कनेक्टिविटी बढ़ाने पर केंद्रित है. साझेदारी सामाजिक, आर्थिक, राजकोषीय, जलवायु और पर्यावरणीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय कानून और प्रतिबद्धताओं के सम्मान के साझा सिद्धांतों पर आधारित है.
साथ ही कहा गया कि यह साझेदारी कनेक्टिविटी परियोजनाओं के लिए निजी और सार्वजनिक वित्तपोषण को उत्प्रेरित करेगी. यह भारत-प्रशांत सहित तीसरे देशों में कनेक्टिविटी पहल का समर्थन करने के लिए नये तालमेल को बढ़ावा देगा. भारत ने सीडीआरआई में शामिल होने के यूरोपीय संघ के फैसले का स्वागत किया. भारत और यूरोपीय संघ ने डिजिटल और उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे जी, एआई, क्वांटम और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग पर द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए भी सहमति व्यक्त की.
नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बढ़ती प्रगति बिंदु पर संतोष व्यक्त किया. इसमें आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और समुद्री सहयोग शामिल हैं. नेताओं ने एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक के महत्व को स्वीकार किया. साथ ही इस क्षेत्र में भारत के इंडो-पैसिफिक महासागर की पहल और इंडो-पैसिफिक पर यूरोपीय संघ की नयी रणनीति के संदर्भ में निकटता से जुड़ने के लिए सहमत हुए.