प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के किसानों तो सौगात दी है. आज आज हलषष्टी है और भगवान बलराम की जयंति के मौके पर पीएम मोदी ने किसानों के लिए एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत वित्तीय सुविधाओं का ऐलान किया. इस फंड का इस्तेमाल देश में कृषि से जुड़ी सुविधाएं तैयार करने के लिए किया जायेगा. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ये हमारे किसान ही हैं, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान देश को खाने-पीने के ज़रूरी सामान की समस्या नहीं होने दी. देश जब लॉकडाउन में था, तब हमारा किसान खेतों में फसल की कटाई कर रहा था और बुआई के नए रिकॉर्ड बना रहा था.
इस मौके पर पीएम मोदी ने पीएम किसान योजना के तहत 17 हज़ार करोड़ रुपये देश के साढ़े आठ करोड़ किसानों के बैंक खातों में ट्रांस्फर किये और कहा कि इन रुपयों को ट्रांस्फर करते हुए भी मुझे बहुत संतोष हो रहा है. आज जो स्पेशल फंड दिया गया है उससे गांवों-गांवों में बेहतर भंडारण, आधुनिक कोल्ड स्टोरेज की चेन तैयार करने में मदद मिलेगी और गांव में रोज़गार के अनेक अवसर तैयार होंगे.
उन्होंने कहा कि एक देश, एक मंडी के जिस मिशन को लेकर बीते 7 साल से काम चल रहा था, वो अब पूरा हो रहा है. पहले e-NAM के ज़रिए, एक टेक्नॉलॉजी आधारित एक बड़ी व्यवस्था बनाई गई. इसका फायदा किसानों को मिल रहा है. अब जब देश के बड़े शहरों तक छोटे किसानों की पहुंच हो रही है तो वो ताज़ा सब्जियां उगाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे, पशुपालन और मत्स्यपालन की तरफ प्रोत्साहित होंगे. इससे कम ज़मीन से भी अधिक आय का रास्ता खुल जाएगा, रोज़गार और स्वरोज़गार के अनेक नए अवसर खुलेंगे.
पीएम किसान निधि योजना के तहत पिछले डेढ़ साल में इस योजना के माध्यम से 75 हज़ार करोड़ रुपए सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा हो चुके हैं. इसमें से 22 हज़ार करोड़ रुपए तो कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान किसानों तक पहुंचाए गए हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि अब कानून बनाकर किसान को मंडी के दायरे से और मंडी टैक्स के दायरे से मुक्त कर दिया गया. अब किसान के पास अनेक विकल्प हैं. अगर वो अपने खेत में ही अपनी उपज का सौदा करना चाहे, तो वो कर सकता है. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत हर जिले में मशहूर उत्पादों को देश और दुनिया के मार्केट तक पहुंचाने के लिए एक बड़ी योजना बनाई गई है. अब हम उस स्थिति की तरफ बढ़ रहे हैं, जहां गांव के कृषि उद्योगों से फूड आधारित उत्पाद शहर जाएंगे और शहरों से दूसरा औद्योगिक सामान बनकर गांव पहुंचेगा. देश की पहली किसान रेल महाराष्ट्र और बिहार के बीच में शुरु हो चुकी है.
Posted By: Pawan Singh