Deesa Airbase: पीएम मोदी इन दिनों गुजरात दौरे पर है. आज दौरे के पहले दिन उन्होंने गुजरात के बनासकांठा जिले के दीसा में भारतीय वायु सेना (IAF) के नए एयरबेस की आधारशिला रखी और इसे भारत की सुरक्षा का एक प्रभावी केंद्र बताया. उन्होंने कहा कि भारत-पाक सीमा से महज 130 किलोमीटर दूर दीसा एयरबेस पश्चिमी तरफ से आने वाले किसी भी खतरे का बेहतर जवाब देने में सक्षम होगा.
वाजपेयी सरकार ने दी थी जमीन की मंजूरी
जानकारी हो कि साल 2000 में बीजेपी की वाजपेयी सरकार ने भारतीय वायु सेना को दीसा एयरबेस देने के लिए जमीन की सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी थी. लेकिन इसके बाद यह परियोजना अगले 14 वर्षों के लिए ठंडे बस्ते में चली गयी थी. इसके बाद मोदी सरकार ने इस परियोजना को पुनर्जीवित किया. प्रधानमंत्री मोदी और तत्कालीन रक्षा मंत्री के प्रयास से इस फाइल में पड़ी परियोजना को दुबारा शरू किया गया. उस समय की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1,000 करोड़ के फंडिंग के साथ सरकार द्वारा एयरबेस को मंजूरी दी थी.
भारतीय वायुसेना को प्रदान करेगा आक्रामक क्षमता
पीएम मोदी ने कहा कि दीसा एयरबेस इस क्षेत्र में भारतीय वायुसेना को तेजी से आक्रामक क्षमता प्रदान करेगा, नया एयरफील्ड गुजरात में नलिया, भुज और राजस्थान में फलोदी में आगे के हवाई अड्डों के बीच एक महत्वपूर्ण सामरिक अंतर को भी पाट देगा. यह पाकिस्तान और गुजरात के औद्योगिक क्षेत्रों के बीच एक दीवार बनकर तैयार होगी.
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दुश्मन के विमानों के लिए आग की दीवार
दीसा हवाई अड्डा मीरपुर खास, हैदराबाद, पाकिस्तान के जैकबाबाद में शाहबाज एफ-16 एयरबेस से उड़ान भरने वाले दुश्मन के विमानों के लिए आग की दीवार साबित होगी. चूंकि दीसा एक फॉरवर्ड एयरबेस है, इसलिए IAF का इस एयरफील्ड पर अपने फ्रंटलाइन राफेल या Su-30 MKI लड़ाकू विमानों के बजाय, मिग-29 और तेजस जैसे वायु रक्षा सेनानियों को तैनात करेगा ताकि दुश्मन के लड़ाकों को रोका जा सके और गुजरात के औद्योगिक परिसर को निशाना बनाने की उनकी क्षमता को निष्प्रभावी किया जा सके.