मंत्रिमंडल विस्तार : पीएम मोदी ने मिशन-2024 का फूंका बिगुल, क्षेत्रीय क्षत्रपों को मात देने के लिए बिछाई बिसात
यह बात दीगर है कि मोदी मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल और महाविस्तार में उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक सात सांसदों को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है, लेकिन पीएम मोदी ने उत्तर-पूर्व, पूर्वी भारत, उत्तर भारत, पश्चिमी भारत और दक्षिण भारत को भी तवज्जो दी गई है. केंद्रीय कैबिनेट में उत्तर प्रदेश से सात सांसदों को शामिल जरूर किया गया है, लेकिन इनमें से किसी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा नहीं दिया गया है.
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में महाविस्तार करके विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश को तो साधने का प्रयास किया ही है, लेकिन उन्होंने मिशन-2024 यानी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का भी शंखनाद अभी ही से कर दिया है. अपने मंत्रिमंडल में उन्होंने उन राज्यों के सांसदों को भी अहम जिम्मेदारी दी है, जिनमें भाजपा की पकड़ या तो कमजोर हो गई है या फिर नए सिरे से पकड़ बनाना है.
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह बात दीगर है कि मोदी मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल और महाविस्तार में उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक सात सांसदों को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है, लेकिन पीएम मोदी ने उत्तर-पूर्व, पूर्वी भारत, उत्तर भारत, पश्चिमी भारत और दक्षिण भारत को भी तवज्जो दी गई है. केंद्रीय कैबिनेट में उत्तर प्रदेश से सात सांसदों को शामिल जरूर किया गया है, लेकिन इनमें से किसी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा नहीं दिया गया है.
क्षेत्रीय क्षत्रपों को धूल चटाने के लिए मोहरे तैनात
इसके साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कैबिनेट का महाविस्तार के जरिए देश के प्रांतों में एकाधिपत्य स्थापित करने वाले क्षेत्रीय क्षत्रपों को लोकसभा चुनाव-2024 में धूल चटाने के लिए अपने मोहरों को तैनात कर दिया है. भाजपा नीत सरकार के दूसरे कार्यकाल में पहली बार किए गए मंत्रिमंडल विस्तार में जिन 36 नए चेहरों को शामिल किया गया है, उसमें उत्तर प्रदेश के बाद सबसे अधिक प्रतिनिधित्व करने का मौका पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और महाराष्ट्र को मिला है. इन राज्यों से चार-चार सांसदों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. वहीं, गुजरात से तीन, मध्य प्रदेश, बिहार और ओड़िशा से दो-दो नेताओं को मंत्री बनाया गया है, जबकि उत्तराखंड, झारखंड, त्रिपुरा, नयी दिल्ली, असम, राजस्थान, मणिपुर और तमिलनाडु से एक-एक नेता को अहम जिम्मेदारी दी गई है.
इनके जरिए चारों दिशाओं में पार्टी की पकड़ करेंगे मजबूत
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उत्तर प्रदेश : मोदी सरकार के नए मंत्रिमंडल में जिन राज्यों को प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया गया है, उसमें उत्तर प्रदेश सबसे टॉप पर है. यहां के भाजपा सांसदों में कौशल किशोर, अजय मिश्रा और पंकज चौधरी, अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल, आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल, जालौन से पांचवीं बार के सांसद भानु प्रताप सिंह वर्मा और राज्यसभा के सदस्य बीएल वर्मा शामिल हैं. इन सभी राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है.
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पश्चिम बंगाल : केंद्रीय मंत्रिमंडल में उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है. यहां के बांकुड़ा से सांसद सुभाष सरकार, बनगांव के सांसद शांतनु ठाकुर, अलीद्वारपुर से सांसद जॉन बरला और कूचबिहार से सांसद निषिथ प्रमाणिक को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.
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कर्नाटक : भाजपा से राज्यसभा सदस्य राजीव चंद्रशेखर, उडुपी-चिकमंगलूर से सांसद शोभा करंदलाजे, बीदर से सांसद भगवंत खूबा और चित्रदुर्ग के सांसद ए नारायणस्वामी मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं.
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महाराष्ट्र : भिवंडी से सांसद कपिल पाटिल, राज्यसभा सदस्य भागवत कराड और दिन्डोरी से सांसद भारती पवार.
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गुजरात : सूरत की सांसद दर्शना जरदोश, खेड़ा से सांसद चौहान देबू सिंह और सुरेंद्रनगर से सांसद मुंजापरा महेंद्र भाई्.
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नई दिल्ली : सांसद मीनाक्षी लेखी
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झारखंड : कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी.
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उत्तराखंड : नैनीताल-ऊधमसिंह नगर से सांसद अजय भट्ट.
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तमिलनाडु : भाजपा के अध्यक्ष एल मुरुगन
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त्रिपुरा : पश्चिम त्रिपुरा की सांसद प्रतिमा भौमिक.
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मणिपुर : सांसद राजकुमार रंजन सिंह.
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ओड़िशा : मयूरभंज से सांसद विश्वेश्वर टुडु.
Posted by : Vishwat Sen