PM Modi Mann Ki Baat: भारत में यूनिकॉर्न का शतक पूरा, बोले पीएम मोदी- स्टार्टअप बना नए भारत की पहचान

PM Modi Mann Ki Baat: मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि इस महीने 5 तारीख को देश में यूनिकॉर्न की संख्या 100 तक पहुंच गई है. देश के लिए यह किसी बड़ी उपलब्धि स कम नहीं है. उन्होंने कहा कि ये हम सभी के लिए प्रेरणादायी है. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि स्टार्ट अप से नये भारत की शुरूआत हुई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 29, 2022 11:47 AM

अपने खास मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात (Mann Ki Baat) में पीएम मोदी कहा है कि, आज भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है, छोट-छोटे शहरों और कस्बों से भी उद्यमी सामने आ रहे हैं. इससे पता चलता है कि भारत में जिसके पास अच्छा आइडिया है वो धन बना सकता है. पीएम मोदी ने कहा कि, स्टार्टअप से अब दिख रहा है नया भारत.

देश के लिए बड़ी उबलब्धि: मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि, कुछ दिन पहले ही देश ने ऐसी उपलब्धि हासिल की है जो हम सभी को प्रेरणा देती है. भारत के सामर्थ्य के प्रति हम सभी का विश्वास जगाती है. पीएम मोदी ने कहा कि, इस महीने 5 तारीख को देश में यूनिकॉर्न की संख्या 100 तक पहुंच गई है.

अमेरिका और यूके से ज्यादा है भारतीय यूनिकार्न्स की ग्रोथ: पीएम मोदी ने अपने कार्यक्रम मन की बात में कहा कि, भारतीय यूनिकॉर्न्स का सालाना ग्रोथ रेट अमेरिका यूके समेत कई और देशों देशों से भी ज्यादा है. उन्होंने कहा कि कई जानकार ये भी कहते हैं कि आने वाले समय में इसमें और तेज ग्रोथ देखने को मिलेगा.

पीएम मोदी ने देश को संबेधित करते हुए कहा कि, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हमारे कुल यूनिकॉर्न में से 44 पिछले साल बने थे. इतना ही नहीं इस वर्ष के 3-4 महीने में ही 14 और नए यूनिकॉर्न बन गए. इस मतलब वैश्विक महामारी के दौर में भी हमारे स्टार्ट अप धन और महत्व का सृजन करने में सफल रहे हैं.

पीएम मोदी ने बढ़ाया मनोबल: अपने खास कार्यक्रम में पीएम मोदी ने उत्तराखंड के जोशीमठ की रहने वाली कल्पना के बारे भी बात की. पीएम मोदी ने कहा कि, कल्पना ने हाल ही में कर्नाटक में अपनी 10वीं की परीक्षा पास की है, लेकिन उनकी सफलता की खास बात ये है कि उन्हें कुछ समय पहले तक कन्नड़ा भाषा भी नहीं आती थी, उन्होंने 3 महीने में कन्नड़ा भाषा सीखी और 92 नंबर भी लेकर आई.

पीएम मोदी ने बताया कि, कल्पना उत्तराखंड के जोशीमठ की रहने वाली है, वे पहले टीबी से पीड़ित रही और तीसरी कक्षा में उनकी आंखों की रोशनी भी चली गई. कल्पना बाद में मैसूर की रहने वाली प्रोफेसर तारामूर्ति के संपर्क में आई जिन्होंने उनकी मदद की.

बता दें कि प्रसार भारती अपने आकाशवाणी नेटवर्क पर कार्यक्रम मन की बात को 23 भाषाओं और 29 बोलियों में प्रसारित करता है. वहीं, डीडी चैनलों पर भी इस कार्यक्रम को हिंदी और अन्य भाषाओं में दिखाया जाता है. गौरतलब है कि पीएम मोदी ने साल 2014 में मन की बात कार्यक्रम की शुरूआत की थी.

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