‘एक अयोध्या अपने मन में लेकर लौटा हूं’…पीएम मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की चिट्ठी का दिया जवाब

ram mandir pran pratishtha राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी में पीएम मोदी ने कहा, अयोध्या धाम में अपने जीवन के सबसे अविस्मरणीय क्षणों का साक्षी बनकर लौटने के बाद मैं आपको यह पत्र लिख रहा हूं. मैं एक अयोध्या अपने मन में भी लेकर लौटा हूं.

By ArbindKumar Mishra | January 23, 2024 8:15 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा, राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का साक्षी बनना उनके जीवन के ‘सबसे अविस्मरणीय’ क्षणों में था और वह वहां से एक अयोध्या अपने मन में भी लेकर लौटे हैं जो कभी उनसे दूर नहीं हो सकती. दरअसल यह बात पीएम मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे दो पन्नों के एक पत्र में कही.

पीएम मोदी ने एक्स पर शेयर की चिट्ठी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिट्ठी की प्रति एक्स पर साझा करते हुए कहा, दो दिन पूर्व मुझे आदरणीय राष्ट्रपति जी का एक बहुत ही प्रेरणादायी पत्र मिला था. मैंने आज अपनी कृतज्ञता पत्र के माध्यम से प्रकट करने का प्रयास किया है.

राष्ट्रपति मुर्मू ने प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी को लिखा था पत्र

दरअसल राष्ट्रपति मुर्मू ने प्राण प्रतिष्ठा से पहले रविवार को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर देश भर में जश्न का माहौल भारत की शाश्वत आत्मा की एक निर्बाध अभिव्यक्ति और देश के पुनरुत्थान में एक नए चक्र की शुरुआत है.

अयोध्या कभी मुझसे दूर नहीं हो सकती : मोदी

राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी में पीएम मोदी ने कहा, अयोध्या धाम में अपने जीवन के सबसे अविस्मरणीय क्षणों का साक्षी बनकर लौटने के बाद मैं आपको यह पत्र लिख रहा हूं. मैं एक अयोध्या अपने मन में भी लेकर लौटा हूं. एक ऐसी अयोध्या, जो कभी मुझसे दूर नहीं हो सकती. प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति को उनकी शुभकामनाओं और स्नेह के लिए आभार जताया तथा कहा कि उन्होंने पत्र के हर शब्द में अपने करुणामयी स्वभाव और प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन पर असीम प्रसन्नता को व्यक्त किया.

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मैं अलग ही भाव यात्रा में था : मोदी

मोदी ने कहा कि जिस समय उन्हें यह पत्र मिला था उस वक्त वह एक अलग ही भाव यात्रा में थे और इस पत्र ने उन्हें उनके मन की भावनाओं को संभालने और उनमें सामंजस्य बिठाने में अपार सहयोग और संबल दिया. उन्होंने कहा, मैंने एक तीर्थयात्री के रूप में अयोध्या धाम की यात्रा की. जिस पवित्र भूमि पर आस्था और इतिहास का ऐसा संगम हुआ हो वहां जाकर मेरा मन अनेक भावनाओं से विह्वल हो गया. प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनना उनके लिए एक सौभाग्य भी है और एक दायित्व भी है.

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व्रतों की पूर्णाहुति का संवाहक बनना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण था : मोदी

राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा लिखे गए पत्र में प्रधानमंत्री के 11 दिन के व्रत अनुष्ठान और इससे जुड़े यम-नियमों के उल्लेख पर मोदी ने कहा, हमारा देश ऐसे अनगिनत लोगों का साक्षी रहा है जिन्होंने शताब्दियों तक अनेक संकल्प व्रत किए जिससे कि रामलला पुनः अपने जन्मस्थान पर विराज सकें. उन्होंने कहा, सदियों तक चले इन व्रतों की पूर्णाहुति का संवाहक बनना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण था और इसे मैं अपना सौभाग्य मानता हूं. उन्होंने कहा, वह क्षण प्रभु श्रीराम और भारत के लोगों के आशीर्वाद से ही संभव हुआ और इसके लिए मैं कृतज्ञ रहूंगा.

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