विदेश यात्रा से पहले पीएम मोदी ने कहा, शांति और समृद्धि की खोज में भारत का महत्वपूर्ण साथी है यूरोप
पीएम मोदी ने कहा कि मेरी यूरोप यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब यह क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है. अपनी यात्रा के माध्यम से मैं यूरोपीय भागीदारों के साथ सहयोग की भावना को मजबूत करना चाहता हूं, जो शांति और समृद्धि की खोज में भारत के महत्वपूर्ण साथी हैं.
नई दिल्ली : साल 2022 की पहली विदेश यात्रा शुरू करने से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक बयान में कहा है कि शांति और समृद्धि की खोज में यूरोप भारत का महत्वपूर्ण साथी है. उन्होंने रविवार को कहा कि उनका यूरोप दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब यह क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है. वह भारत के यूरोपीय साझेदारों के साथ सहयोग की भावना को मजबूत करना चाहते हैं.
विदेश यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्ज के निमंत्रण पर दो मई को बर्लिन पहुंचेंगे. उन्होंने कहा कि इसके बाद वह डेनमार्क के अपने समकक्ष मेटे फ्रेडरिकसेन के निमंत्रण पर 3-4 मई को कोपेनहेगन की यात्रा करेंगे और इस दौरान द्विपक्षीय वार्ता होगी. इसके साथ ही, वहां दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन का भी आयोजन किया जाएगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत लौटते समय मैं फ्रांस के राष्ट्रपति और अपने मित्र इमैनुएल मैक्रों के साथ बैठक के लिए पेरिस और फ्रांस में कुछ समय के लिए रुकूंगा. उन्होंने कहा कि मेरी यूरोप यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब यह क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है. अपनी यात्रा के माध्यम से मैं यूरोपीय भागीदारों के साथ सहयोग की भावना को मजबूत करना चाहता हूं, जो शांति और समृद्धि की खोज में भारत के महत्वपूर्ण साथी हैं.
इससे पहले विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री द्विपक्षीय और बहुपक्षीय कार्यक्रमों के लिए जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस के दौरे पर जाएंगे. प्रधानमंत्री की 3 दिवसीय, 3 देशों की यात्रा में पर्याप्त और व्यापक एजेंडा के साथ गहन कार्यक्रम है.
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उन्होंने कहा कि 3 मई को पीएम मोदी कोपेनहेगन दौरे पर जाएंगे. ये प्रधानमंत्री की डेनमार्क की पहली यात्रा होगी, लेकिन डेनमार्क के प्रधानमंत्री के साथ उनकी तीसरी समिट लेवल बातचीत और चर्चा द्विपक्षीय मुद्दों और वैश्विक और क्षेत्रीय हित के मुद्दों पर केंद्रित होगी.