नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 को लेकर मुख्यमंत्रियों के साथ मंगलवार को वर्चुअल बैठक की. उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि हमें सकारात्मकता दर को कम-से-कम पांच फीसदी तक लाने की जरूरत है. साथ ही कहा कि वैक्सीन वितरण को लेकर राज्यों को अब कोल्ड स्टोरेज क्षमता बढ़ाने के लिए पूर्ण प्रवाह में काम करना चाहिए. राज्य, जिले और यहां तक कि प्रखंड स्तरों पर कार्यबलों को शुरू करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि आज भारत स्वास्थ्य लाभ और घातक दर के मामले में वैश्विक स्तर पर बेहतर स्थिति में है. उपचार के लिए परीक्षण का विशाल नेटवर्क पूरे देश में अच्छी तरह से चल रहा है, जिसे नियमित रूप से बढ़ाया जा रहा है. कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में पीएम-केयर्स भी मदद कर रहा है. इसकी मदद से अस्पतालों में बेहतर इलाज के लिए हजारों नये वेंटिलेटर उपलब्ध कराये जा रहे हैं. इसके लिए 2,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.
Interaction with Chief Ministers on COVID-19. https://t.co/lw3b6vQwRc
— Narendra Modi (@narendramodi) November 24, 2020
उन्होंने कहा कि पहले चरण में अपार भय, दूसरे चरण में बहुत संदेह, संदेह और सामाजिक अलगाव. तीसरे चरण में लोगों ने अब सही कदम उठाना और समझना शुरू कर दिया है. लोग बीमारी के बारे में अधिक गंभीर और सतर्क हो गये. चौथे चरण में जब रिकवरी दर में वृद्धि हुई, तो लोगों ने सोचा कि वायरस कमजोर हो गया है और अब प्रभावी नहीं है. इससे इस स्तर पर लापरवाही हुई है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें वायरस के संचरण को कम करने के अपने प्रयासों में तेजी लाने की जरूरत है. परीक्षण, पुष्टि, संपर्क ट्रेसिंग और डेटा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए. हमें सकारात्मकता दर को कम-से-कम पांच फीसदी तक लाने की जरूरत है. आरटी-पीसीआर परीक्षणों की संख्या में वृद्धि होनी चाहिए और पृथक रोगियों की निगरानी सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि वे बेहतर उपचार प्राप्त कर सकें.
साथ ही उन्होने कहा कि ग्रामीण भारत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और स्वास्थ्य केंद्रों को भी बेहतर ढंग से सुसज्जित किया जाना चाहिए. हमारी टीम टीके के संबंध में भारतीय डेवलपर्स और निर्माताओं के साथ लगातार काम कर रही है. हम वैश्विक नियामकों, अन्य देशों के संस्थानों, बहुराष्ट्रीय संस्थानों और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ रीयलटाइम संचार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. हम सभी को पहले से भी अधिक जागरूक रहने की जरूरत है.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें ट्रांसमिशन को कम करने के लिए आने प्रयासों को और गति देने की जरूरत है. वैक्सीन को लेकर भारत के पास जैसा अनुभव है, वो दुनिया के बड़े-बड़े देशों के पास भी नहीं है. हमारे लिए जितनी जरूरी गति है, उतनी ही सुरक्षात्मक भी है. कोरोना से लड़ाई की शुरुआत से ही हमने एक-एक देशवासी का जीवन बचाने को प्राथमिकता दी है. अब वैक्सीन आने के बाद भी हमारी प्राथमिकता होगी कि सभी तक वैक्सीन पहुंचे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जो भी वैक्सीन अपने नागरिकों को देगा, वो हर वैज्ञानिक कसौटी पर खरी होगी. वैक्सीन के वितरण की जहां तक बात है, तो उसकी तैयारी भी आप सभी राज्यों के साथ मिलकर की जा रही है. राज्यों को अब कोल्ड स्टोरेज क्षमता बढ़ाने के लिए पूर्ण प्रवाह में काम करना चाहिए. हम जल्द ही राज्य सरकार के साथ चर्चा में एक विस्तृत योजना तय करेंगे. राज्य, जिले और यहां तक कि प्रखंड स्तरों पर कार्यबलों को शुरू करने की आवश्यकता है.
वैक्सीन प्राथमिकता के आधार पर किसे लगायी जायेगी, ये भी राज्यों के साथ मिलकर तय किया जायेगा. हर राज्य के सुझाव का इसमें बहुत महत्व होगा. क्योंकि, आखिरकार उनको अंदाजा है कि उनके राज्यों में ये कैसे होगा. कोरोना वैक्सीन से जुड़ा भारत का अभियान अपने हर देशवासी के लिए एक तरह से नेशनल कमिटमेंट की तरह है. देश में इतना बड़ा टीकाकरण अभियान स्मूद हो, सिस्टमैटिक और सही प्रकार से चलनेवाला हो, ये केंद्र और राज्य सरकार सभी की जिम्मेदारी है.
कोविड-19 टीकों का विकास अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर अंतिम चरण में है. हालांकि, अभी भी हमारे पास कुछ सवालों के निश्चित उत्तर नहीं हैं. हालांकि, हम सभी संभावनाओं के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. अंतिम रोल आउट निर्णय राज्यों के परामर्श से लिया जायेगा.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.