श्रम मंत्रियों के सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा, विकसित भारत के निर्माण में श्रम शक्ति की भूमिका अहम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि भारत पहली तीन औद्योगिक क्रांतियों का लाभ उठाने में पीछे रह गया. मौजूदा चौथी औद्योगिक क्रांति का लाभ उठाने के लिये हमें त्वरित निर्णय लेने और इसे तेजी से लागू करने की भी जरूरत है.
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यों के श्रम मंत्रियों और श्रम सचिवों के दो दिवसीय सम्मेलन का वीडियो कॉफ्रेन्स के जरिए उद्घाटन किया. श्रम मंत्रियों और श्रम सचिवों के दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नारी शक्ति का सही इस्तेमाल कर भारत वर्ष 2047 की आकांक्षाओं के अनुरूप अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकता है. उन्होंने कहा, ‘हमें सोचना होगा कि हम अपने महिला कार्यबल के लिए खासकर उभरते क्षेत्रों में और क्या कर सकते हैं. हम काम के लचीले घंटों को अपनाकर नारी शक्ति का अच्छा उपयोग कर सकते हैं. यह भविष्य की आवश्यकता है.’
भारत ने नहीं उठाया तीन औद्योगिक क्रांतियों का लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि भारत पहली तीन औद्योगिक क्रांतियों का लाभ उठाने में पीछे रह गया. मौजूदा चौथी औद्योगिक क्रांति का लाभ उठाने के लिये हमें त्वरित निर्णय लेने और इसे तेजी से लागू करने की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है. इसका लाभ लेने के लिए हमें भी उसी गति से तैयार होना होगा.
ईसीएलजीएस से बचाई गईं 1.5 करोड़ नौकरियां
ऑनलाइन सेवाओं में वृद्धि का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि देश सही नीतियों और प्रयासों से इस क्षेत्र में वैश्विक अगुवा बना है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान छोटे एवं मझोले उद्योगों के लिए आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) से 1.5 करोड़ नौकरियां बचाने में मदद मिली. उन्होंने कहा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) भी कामगारों की मदद के लिए आगे आया और महामारी के दौरान कर्मचारियों को हजारों करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया. मोदी ने कहा कि महामारी के दौरान पूरा देश श्रमिकों के साथ खड़ा था.
विकसित भारत के निर्माण में श्रम शक्ति की भूमिका अहम
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों के राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि विकसित भारत के निर्माण के सपने को साकार करने में भारत की श्रम शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है। देश संगठित और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों श्रमिक साथियों के लिए निरंतर काम कर रहा है.
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गुलामी के दौर के कानूनों को बदल रहा भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते आठ वर्षों में हमने देश में गुलामी के दौर के और गुलामी की मानसिकता वाले कानूनों को खत्म करने का बीड़ा उठाया है. देश अब ऐसे श्रम कानूनों को बदल रहा है, सुधार कर रहा है, उन्हें सरल बना रहा है. इसी सोच से, 29 श्रम कानूनों को 4 सरल श्रम संहिता में बदला गया है.