पंजाब के फिरोजपुर में जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान सुरक्षा चूक में सुप्रीम कोर्ट ने कहा गया है कि तत्कालीन जिला वरिष्ठ अधीक्षक (एसएसपी), हरदीप भान, ‘पर्याप्त समय और बल उपलब्ध होने के बावजूद अपने कर्तव्य और वृद्धि मार्ग का निर्वहन करने में विफल रहे’. शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रासमिति की ओर से पेश की गई रिपोर्ट केंद्र और पंजाब दोनों सरकारों को भेजी जाएगी. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को बंद करने की घोषणा की.
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह शीर्ष अदालत की पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय समिति की रिपोर्ट को उचित कार्रवाई के लिए केंद्र के पास भेजेगा. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण की अगुवाई वाली पीठ ने समिति की रिपोर्ट को पढ़ते हुए कहा, ”फिरोजपुर के एसएसपी कानून-व्यवस्था बनाए रखने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहे. पर्याप्त बल उपलब्ध होने के बावजूद और प्रधानमंत्री के मार्ग पर प्रवेश की सूचना दो घंटे पहले देने के बावजूद वह ऐसा करने में विफल रहे.” इस पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली भी हैं.
बता दें कि बीते पांच जनवरी को फिरोजपुर में प्रदर्शनकारियों की नाकेबंदी के कारण प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर फंस गया था, 15-20 मिनट तक मोदी फ्लाईओवर पर फंसे रहे. जिसके बाद वह एक रैली समेत किसी भी कार्यक्रम में शिरकत किए बिना बठिंडा एयरपोर्ट लौट आए थे. इस घटना के कारण भाजपा और कांग्रेस के बीच भारी लड़ाई हुई, जिसमें दोनों पक्ष आरोप-प्रत्यारोप में शामिल थे.
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बठिंडा एयरपोर्ट से लौटते हुए पीएम मोदी ने वहां के अधिकारियों से कहा कि अपने सीएम को थैंक्स कहना कि मैं बठिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा लौट पाया. यह जानकारी एएनआई न्यूज एजेंसी को एयरपोर्ट के अधिकारियों ने दी. भाजपा प्रमुख ने कहा, मामला तब और गंभीर हो जाता है जब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी टेलीफोन पर बात करने या मामले का समाधान करने को भी तैयार नहीं हुए. पंजाब की सरकार का यह रवैया लोकतांत्रिक सिद्धांतों में विश्वास करने वाले सभी लोगों को टीस देने वाला है.