PM Modi Security Breach: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक (PM Modi Security Breach) मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में 5 लोगों की एक समिति का गठन किया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सभी मौजूदा जांच समितियों पर रोक भी लगा दी है. इस मामले की अब आगे की जांच सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की कमेटी करेगी.
सुप्रीम कोर्ट की गठित कमेटी में रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा के साथ एनआईए के डीजी (या नॉमिनी) , डीजी चंडीगढ़ और पंजाब के ADGP (सुरक्षा) शामिल होंगे. इसके अलावा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल भी कमेटी में शामिल हैं.
कौन हैं सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा: गौरतलब है कि रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा भारत के उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश रही हैं. बीते साल 2021 में वो सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुई थीं. इससे पहले 27 अप्रैल, 2018 को उन्होंने उच्चतम न्यायालय में बतौर न्यायाधीश शपथ लिया था. वे देश की पहली ऐसी महिला अधिवक्ता रही हैं, जो अधिवक्ता से सीधे उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश बनीं.
अपने फैसलों के लिए जानी जाती है पूर्व जस्टिस इंदु मल्होत्रा: पूर्व जस्टिस इंदु मल्होत्रा अपने सटीक फैसलों के लिए जानी जाती हैं. सबरीमाला मंदिर मामले की सुनवाई के दौरान उन्होंने अपनी अलग राय दी थी. सबरीमाला मामले में अन्य चारों पुरुष न्यायाधीशों ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश देने की बात कही थी. लेकिन इससे इतर जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने इसके खिलाफ राय दी थी.
समलैंगिक संबंध पर सुनाया था अहम फैसला: न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा ने समलैंगिक संबंध पर अपने दिए फैसले को सर्वाधिक महत्वपूर्ण क्षण बताया था. उन्होंने खुद कहा था कि, सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों की सहमति से समलैंगिक संबंध को अपराध की श्रेणी से हटाना अहम फैसला था. इसके अलावा पूर्व जस्टिस इंदु मल्होत्रा धारा 497 को असंवैधानिक ठहराकर समाप्त करने वाली संविधान पीठ का भी हिस्सा रह चुकी हैं. अब पूर्व न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा पीएम की सुरक्षा में चूक मामले की जांच करेंगी.
Posted by: Pritish Sahay