प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) प्रश्नकाल में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के तहत हुई चर्चा का आज राज्यसभा (Rajya Sabha) में जवाब दे रहे हैं. पीएम ने कहा कि, अच्छा होता कि राष्ट्रपति जी का भाषण सुनने के लिए सब होते तो लोकतंत्र की गरिमा और बढ़ जाती. लेकिन राष्ट्रपति जी के भाषण की ताकत इतनी थी कि न सुनने के बाद भी बात पहुंच गई. इससे पहले राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन में 15 घंटे की बहस हुई थी. संसद के सत्र के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच किसान आंदोलन को लेकर तीखी बहस हुई थी.
अच्छा होता कि राष्ट्रपति जी का भाषण सुनने के लिए सब होते तो लोकतंत्र की गरिमा और बढ़ जाती। लेकिन राष्ट्रपति जी के भाषण की ताकत इतनी थी कि न सुनने के बाद भी बात पहुंच गई: राज्यसभा में प्रधानमंत्री pic.twitter.com/LzS3aigDYh
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 8, 2021
इससे पहले, शुक्रवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर राज्यसभा में चर्चा खत्म हो गई थी. बता दें, तीन दिनों तक चली चर्चा में कुल 25 दलों के 50 सासंदों ने अपने विचार रखे थे. इनमें 18 सांसद बीजेपी के थे जबकि 7 कांग्रेस एवं अन्य पार्टी के थे. उम्मीद की जा रही है कि आज के अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) पर सरकार का नजरिया रख सकते हैं.
उधर, कांग्रेस पार्टी ने एक व्हिप जारी कर अपने राज्यसभा सदस्यों को सोमवार यानी आज संसद के ऊपरी सदन में पूरा कामकाज निपटने तक उपस्थित रहने को कहा है. गौरतलब है कि गृह मंत्री आज सदन में उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा पर बोल सकते है. सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने राज्यसभा में उत्तराखंड में आई बाढ़ को लेकर नोटिस दिया है.
इससे पहले, धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पर समय विस्तार करने के लिए तीन फरवरी को प्रश्नकाल और चार व पांच फरवरी को प्रश्न काल और शून्यकाल दोनों खत्म कर दिया गया था. बता दें, राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू पर सत्ताधारी दल के समर्थन का आरोप लगा था. जिसपर नायडू ने कड़ी नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि जिस दिन उन्होंने संवैधानिक पद की शपथ ली थी, उससे पहले ही पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
Posted by: Pritish Sahay