नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन किया. जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच बातचीत काफी सार्थक और सकारात्मक रही.
PM Modi spoke on phone with Russian President Vladimir Putin today and congratulated him on the success of the 75th anniversary celebrations of the victory in the Second World War, and also for successful completion of the vote on constitutional amendments in Russia.
— ANI (@ANI) July 2, 2020
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इन दो मुद्दों को लेकर हुई बातचीत
पीएम मोदी ने इस दौरान राष्ट्रपति पुतिन को द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी के ऊपर रूस की जीत की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित समारोह की सफलता पर बधाई दी. पीएम मोदी ने इस दौरान नये संवैधानिक संसोधन के लिये कराये गये जनमत संग्रह में पुतिन को जीत की भी बधाई दी.
24 जून को हुआ था विक्ट्री डे परेड
गौरतलब है कि 24 जून को रूस में विक्ट्री डे परेड का आयोजन किया गया था. इसमें भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुये थे. केवल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ही नहीं बल्कि भारतीय सेना के तीनों अंग, थल सेना, वायु सेना और वायु सेना के जवानों ने भी भाग लिया था.
इस आयोजन को विक्ट्री डे परेड के नाम से जाना जाता है क्योंकि यही वो तिथि है जब द्वितीय विश्व युद्ध में रूस की सेना ने जर्मनी के ऊपर जीत हासिल की थी. इस साल आयोजित विक्ट्री डे परेड में 11 देशों के सैनिक शामिल हुये थे.
भारत-चीन विवाद के बीच मुलाकात
इस विक्ट्री डे परेड में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ऐसे वक्त में शामिल हुये थे जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी को लेकर तनाव अपने चरम पर था. इस दौरे में रक्षा मंत्री ने रूस के साथ अहम रक्षा सौदों को लेकर भी रूस के आला अधिकारियों के साथ बातचीत की थी, जिसमें एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की खरीद भी शामिल है.
रूस में करवाया गया जनमत संग्रह
पीएम मोदी ने इस दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को संवैधानिक संसोधन के लिये कराये गये जनमत संग्रह में जीत हासिल करने की भी बधाई दी. गौरतलब है कि रूस में नये संवैधानिक संसोधन के लिये जनमत संग्रह करवाया गया. इसमें रूस की सत्ता में संसद को ज्यादा ताकत और रूस के राष्ट्रपति को 2024 के बाद 6 साल के दो और कार्यकाल के लिये चुनाव लड़ने की अनुमति देने सहित 200 अन्य प्रावधान शामिल हैं.
जानें संवैधानिक संसोधन में क्या है
इसके अलावा इसमें पेंशन गारंटी और समलैंगिक विवाह पर प्रतिबंध लगाने जैसे विषय भी शामिल हैं. इस संवैधानिक संसोधन के जरिये व्लादिमीर पुतिन के साल 2036 तक रूस का राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ हो गया है.
ऐसे वक्त में जबकि भारत और चीन की सीमा पर तनाव व्याप्त है, पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बातचीत काफी अहम मानी जा रही है. भारत और रूस के बीच वैसे भी सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर एतिहासिक रूप से मजबूत रिश्ते रहे हैं.
Posted By- Suraj Kumar Thakur