प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात के 102वें एपिसोड को संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने कहा, मन की बात पर आप सभी का स्वागत है. हर महीने के आखिरी सप्ताह में यह कार्यक्रम होता है. लेकिन मेरी अमेरिकी यात्रा के कारण इसे पहले किया जा रहा है. अपने कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के बारे में चर्चा की. उन्होंने कहा, कच्छा में चक्रवाती तूफान का बहुत प्रभाव पड़ा, लेकिन दूसरे ही दिन वहां के लोगों ने अपना पर्व मनाया.
पीएम मोदी ने इमरजेंसी को भारत के इतिहास का काला दौर बताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में इमरजेंसी का जिक्र किया. उन्होंने कहा, भारत लोकतंत्र की जननी है. हम अपने लोकतांत्रिक आदर्शों को सर्वोपरि मानते हैं. अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं. हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते्र. यह वही दिन है जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी. पीएम मोदी ने इमरजेंसी को भारत के इतिहास का काला दौर बताते हुए कहा, लाखों ने इसका विरोध किया था. लोकतंत्र के समर्थकों पर इस दौरान इतनी अत्याचार की गयी थी कि उसे याद कर मन सिहर उठता है.
India is the mother of democracy. We cannot forget 25th June. The day when emergency was imposed. It was a dark period in the history of India. Millions of people opposed the emergency with all their might. The supporters of democracy were tortured so much during that time that… pic.twitter.com/UaopEoSZfz
— ANI (@ANI) June 18, 2023
यूपी के तुलसीराम यादव की पीएम मोदी ने तारीफ की
मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के तुलसीराम यादव की जमकर तारीफ की. पीएम ने कहा, मुझे चिट्ठी लिखकर कई लोगों ने बताया कि देश में कई लोग, पानी की एक-एक बूंद बचाने में लगे हैं. यूपी के बांदा के रहने वाले तुलसीराम यादव ने बांदा और बुंदेलखंड क्षेत्र में कुछ लोगों के साथ मिलकर 40 से ज्यादा तालाब बनवाये हैं. पीएम मोदी ने कहा, यूपी के ही हापुड़ में भी कुछ लोगों ने मिलकर एक विलुप्त नदी को पुनर्जीवित किया. पीएम मोदी ने कहा, एक समय यहां नीम नाम की एक नदी हुआ करती थी. समय के साथ वो लुप्त हो गयी थी. लेकिन स्थानीय लोगों ने इसे पुनर्जीवित करने की ठानी. लोगों के सामूहिक प्रयास से अब नीम फिर से जीवंत होने लगी है.
2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने का संकल्प
मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने का संकल्प लिया है. लक्ष्य बहुत बड़ा जरूर है. एक समय था जब टीबी का पता चलने के बाद परिवार के लोग ही दूर हो जाते थे, लेकिन ये आज का समय है, जब टीबी के मरीज को परिवार का सदस्य बनाकर उनकी मदद की जा रही है. क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए, निक्षय मित्रों ने मोर्चा संभाल लिया है. देश में बहुत बड़ी संख्या में विभिन्न सामाजिक संस्थाएं निक्षय मित्र बनी हैं. गांव-देहात में, पंचायतों में, हजारों लोगों ने खुद आगे आकर टीबी मरीजों को गोद लिया है. कितने ही बच्चे हैं, जो, टीबी मरीजों की मदद के लिए आगे आए हैं. ये जन-भागीदारी ही इस अभियान की सबसे बड़ी ताकत है. 10 लाख से ज्यादा टीबी मरीजों को गोद लिया जा चुका है और ये पुण्य का काम किया है, करीब करीब 85 हजार निक्षय मित्रों ने. मुझे खुशी है कि, देश के कई सरपंचों ने, ग्राम प्रधानों ने भी, ये बीड़ा उठा लिया है कि वो, अपने गांव में टीबी को समाप्त करके ही रहेंगे.
आपदा प्रबंधन के लिए विकसित सोच की जरूरत
पीएम मोदी ने कहा, अभी हमने दो-तीन दिन पहले देखा कि देश के पश्चिमी छोर पर कितना बड़ा चक्रवात आया. तेज हवाएं और बारिश ने गुजरात के कच्छ में कितना कुछ तहस-नहस कर दिया. लेकिन कच्छ के लोगों ने जिस हिम्मत और तैयारी के साथ इतने खतरनाक चक्रवात का मुकाबला किया, वो भी उतना ही अभूतपूर्व है. दो दशक पहले के विनाशकारी भूकंप के बाद जिस कच्छ के बारे में कहा जा रहा था कि वो कभी उठ नहीं पायेगा. लेकिन आज वही जिला, देश के तेजी से विकसित होते जिलों में से एक है. चक्रवाती से हुई तबाही से भी कच्छ के लोग बहुत जल्द बाहर निकल जाएंगे.
मन की बात ने लगायी ‘सेंचुरी’
पीएम मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ने हाल ही में अपने 100वें एपिसोड को पूरा किया, जो 26 अप्रैल को देश भर में प्रसारित किया गया था. ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 100वें संस्करण का 30 अप्रैल को वैश्विक प्रसारण हुआ. इस कार्यक्रम का न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भी सीधा प्रसारण किया गया.
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3 अक्टूबर 2014 को हुआ था मन की बात के पहले एपिसोड का प्रसारण
गौरतलब है कि 3 अक्टूबर 2014 को शुरू हुआ इस कार्यक्रम में महिलाओं, युवाओं और किसानों से जुड़े मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बात करते हैं. प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए दुनिया की ऐसी शख्सियतों को खोजा, जिन्होंने अपने क्षेत्र में विशेष योगदान दिया, लेकिन उनके योगदान का पता नहीं चला. आज समाज में ऐसे लोगों को लोग सिर्फ जानते भर नहीं हैं, बल्कि उनकी प्रेरणा से लोग आगे भी बढ़ रहे हैं.
पीएम मोदी ने मन की बात में कई विषयों को किया शामिल
इसके अलावा पीएम मोदी ने मन की बात में जलवायु परिवर्तन, कृषि, कला, संस्कृति और स्वास्थ्य सभी विषयों को शामिल किया और अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में हर बार समाज के सामने कुछ नया पेश किया ताकि समाज को उसकी जानकारी मिल सके. इस कार्यक्रम का मकसद देश को एक सूत्र में बांधना और सबको साथ लेकर विकास करना है.
22 भारतीय और 29 बोलियों के अलावा ‘मन की बात’ को 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित की जाती है
22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा, ‘मन की बात’ फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली सहित 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित की जाती है. मन की बात का प्रसारण आकाशवाणी के 500 से अधिक प्रसारण केंद्रों द्वारा किया गया.