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आज एससीओ के सालाना शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे पीएम मोदी, अफगानिस्तान संकट पर होगी चर्चा

शिखर बैठक के बाद संपर्क बैठक (आटउरिच) होगी. इस दौरान अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा होगी.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शुक्रवार को आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सालाना शिखर सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित करेंगे. इस बैठक में अफगानिस्तान संकट, क्षेत्रीय सुरक्षा, सहयोग एवं संपर्क सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी.

प्रवक्ता ने बताया कि शिखर बैठक के बाद संपर्क बैठक (आटउरिच) होगी. इस दौरान अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा होगी. बागची ने बताया कि इसके अलावा क्षेत्रीय सुरक्षा, सहयोग एवं संपर्क सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होगी. इससे पहले विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि एससीओ परिषद के सदस्य देशों के प्रमुखों की 21वीं बैठक शुक्रवार को हाइब्रिड प्रारूप में दुशांबे में हो रही है, जिसकी अध्यक्षता ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे और वीडियो लिंक के जरिए शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करेंगे तथा दुशांबे में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे.

मंत्रालय के अनुसार, एससीओ की शिखर बैठक में सदस्य देशों के नेताओं के अलावा पर्यवेक्षक देश, संगठन के महासचिव, एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद निरोधक ढांचे के कार्यकारी निदेशक, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति एवं अन्य आमंत्रित अतिथि शामिल होंगे. दुशांबे में जयशंकर एससीओ के सदस्य देशों के प्रमुखों की अफगानिस्तान पर एक बैठक में शामिल होंगे.

पहली बार एससीओ की शिखर बैठक हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित की जा रही है और यह चौथी शिखर बैठक है जिसमें भारत एससीओ के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में हिस्सा ले रहा है. हाईब्रिड प्रारूप के तहत आयोजन के कुछ हिस्से को डिजिटल आधार पर और शेष हिस्से को आमंत्रित सदस्यों की भौतिक उपस्थिति के माध्यम से संपन्न किया जाता है.

विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस बैठक का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि संगठन इस वर्ष अपनी स्थापना की 20वीं वर्षगांठ मना रहा है. मंत्रालय के अनुसार, इस शिखर बैठक में नेताओं द्वारा पिछले दो दशकों में संगठन की गतिविधियों की समीक्षा करने और भविष्य में सहयोग की संभावना पर चर्चा किए जाने की उम्मीद है.

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बता दें कि एससीओ की स्थापना 15 जून 2001 को हुई थी और भारत 2017 में इसका पूर्णकालिक सदस्य बना. बागची ने बताया कि जयशंकर अपनी दुशांबे यात्रा के दौरान विभिन्न देशों के अपने समकक्षों के साथ चर्चा करेंगे. दुशांबे में इस बैठक में ईरान के भी हिस्सा लेने की संभावना है. इसके अलावा चीन के विदेश मंत्री वांग यी, रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी के एससीओ बैठक के लिए दुशांबे आने की संभावना है.

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