ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को लेकर आज पीएम मोदी करेंगे समीक्षा बैठक, राज्यों के साथ कोरोना की स्थिति पर चर्चा
देश में ओमिक्रॉन के मामलों में वृद्धि के बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने पर जोर देते हुए कहा कि लोग इन मानदंडों का पालन करने में ढिलाई बरत रहे हैं.
नई दिल्ली : भारत में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुरुवार को कोरोना की स्थिति पर एक बैठक करेंगे. आधिकारिक सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी देश भर में महामारी की स्थिति की समीक्षा करेंगे. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में अब तक 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन संक्रमण के 238 मामले दर्ज किए गए हैं और संक्रमित लोगों में से 90 या तो ठीक हो गए हैं या दूसरी जगह चले गए हैं. इस बीच, यह मांग भी उठ रही है कि सरकार टीकाकरण करा चुके लोगों को टीकों की बूस्टर खुराक देने की अनुमति दे, जैसा कि कई देशों द्वारा किया गया है.
लोग नहीं कर रहे कोरोना प्रोटोकॉल का पालन
वहीं, देश में ओमिक्रॉन के मामलों में वृद्धि के बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने पर जोर देते हुए कहा कि लोग इन मानदंडों का पालन करने में ढिलाई बरत रहे हैं. उन्होंने कहा कि ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि टीके प्रभावी हैं और गंभीर बीमारी से सुरक्षा प्रदान करते हैं तथा मौत के खतरे को घटाते हैं.
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टीके की दूसरी खुराक जल्द लगाएं
डॉ गुलेरिया ने कहा कि टीकाकरण के योग्य लोगों को तुरंत खुराक लेनी चाहिए और जिन लोगों को पहली खुराक मिल गई है, उन्हें दूसरी खुराक लेने से नहीं चूकना चाहिए. उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन बेहद संक्रामक है. इसलिए कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना बहुत जरूरी है. लोगों को नियमित रूप से मास्क पहनना चाहिए, उचित दूरी बनाए रखनी चाहिए और ऐसे समारोहों से बचना चाहिए, जहां से बड़े स्तर पर संक्रमण फैलने की आशंका है.
केंद्र ने राज्यों को लिखी चिट्ठी
बता दें कि केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा कि कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा की तुलना में कम से कम तीन गुना अधिक संक्रामक है और आपातकालीन संचालन केंद्रों को सक्रिय किए जाने के साथ ही जिला एवं स्थानीय स्तर पर सख्त एवं त्वरित रोकथाम कार्रवाई की जानी चाहिए. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने जांच और निगरानी बढ़ाने के अलावा रात में कर्फ्यू लगाने, बड़ी सभाओं का सख्त नियमन, शादियों और अंतिम संस्कार कार्यक्रमों में लोगों की संख्या कम करने जैसे रणनीतिक निर्णय को लागू करने की सलाह दी है.