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76वां स्वतंत्रता दिवस : PM Modi ने नई शिक्षा नीति को धरती से जुड़ा बताया, कहा- गुलामी से मुक्ति की ताकत

प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें हमने कौशल्य पर बल दिया है. यह ऐसा सामर्थ्य है, जो हमें गुलामी से मुक्ति की ताकत देगा. उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक नई आशा लेकर आई है. भारत की धरती से जुड़ी हुई हमारी शिक्षा नीति भाषा के बंधनों को तोड़ गुलामी की मानसिकता से मुक्ति की ताकत देगी.

नई दिल्ली : भारत के 76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले के प्राचीर से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति को धरती का अहम अंग बताया है. उन्होंने इसे धरती से जुड़ा बताते हुए कहा कि इसमें कौशल्य पर बल दिया गया है, जो हमें गुलामी से मुक्ति की ताकत देगा. राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मंथन के साथ बनी है. कोटि-कोटि लोगों के विचार प्रवाह को संकलित करते हुए बनी है. भारत की धरती से जुड़ी हुई शिक्षा नीति बनी है.

नई आशा लेकर आई है नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति

प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि इसमें हमने कौशल्य पर बल दिया है. यह ऐसा सामर्थ्य है, जो हमें गुलामी से मुक्ति की ताकत देगा. उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक नई आशा लेकर आई है. भारत की धरती से जुड़ी हुई हमारी शिक्षा नीति भाषा के बंधनों को तोड़ गुलामी की मानसिकता से मुक्ति की ताकत देगी. उन्होंने कहा कि कभी-कभी हमारी प्रतिभाएं भाषा के बंधनों में बंध जाती हैं, ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है. उन्होंने कहा कि हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए.

पीएम मोदी ने दिया ‘जय अनुसंधान’ का नारा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी द्वारा दिया गया ‘जय जवान, जय किसान’ का मंत्र आज भी देश के लिए प्रेरणा है. उन्होंने कहा कि अटल जी ने ‘जय विज्ञान’ कहकर उसमें एक कड़ी और जोड़ दी थी, लेकिन अब ‘अमृत काल’ के लिए एक और अनिवार्यता है ‘जय अनुसंधान’. उन्होंने शोध के महत्व को रेखांकित करते हुए ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान’ के मंत्र पर जोर दिया.

अगला 25 साल युवाओं को समर्पित

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं युवाओं से देश के विकास के लिए अपने जीवन के अगले 25 वर्ष समर्पित करने का आग्रह करता हूं, हम मानवता के पूर्ण विकास के लिए काम करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि देश के युवाओं को असीम अंतरिक्ष से लेकर समंदर की गहराई तक अनुसंधान के लिए भरपूर मदद मिले. मोदी ने कहा कि इसलिए हम अंतरिक्ष मिशन, गहरे समुद्र से जुड़े मिशन का विस्तार कर रहे हैं. अंतरिक्ष और समंदर की गहराई में ही हमारे भविष्य के लिए जरूरी समाधान हैं.

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अपने सामर्थ्य पर करना होगा भरोसा

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि हमारी विरासत पर हमें गर्व होना चाहिए. जब हम अपनी धरती से जुड़ेंगे, तभी तो ऊंचा उड़ेंगे. जब हम ऊंचा उड़ेंगे, तभी हम विश्व को भी समाधान दे पाएंगे. मोदी ने कहा कि अनुभव कहता है कि एक बार हम सब संकल्प लेकर चल पड़ें, तो हम निर्धारित लक्ष्यों को पार कर लेते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे नौजवान आज नई-नई खोज के साथ दुनिया के सामने आ रहे हैं. ऐसे में, हमें गुलामी की मानसिकता को तिलांजलि देनी पड़ेगी, अपने सामर्थ्य पर भरोसा करना होगा.

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