PM Modi Ukraine Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्रा पर पहुंचे थे जहां उन्होंने चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि यदि भारत सहित दुनिया के दूसरे देश रूस से रियायती दामों पर तेल खरीदना बंद कर दें तो उसके सामने बड़ी चुनौतियां पेश हो जाएंगी. फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद बैन लगने के बावजूद भारत रूस से तेल खरीद रहा है. इसकी आलोचना वेस्टर्न कंट्री कर रहे हैं.
रूस से कितना तेल खरीदता है भारत?
यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले रूस से एक प्रतिशत से भी कम तेल भारत आयात करता था, जो अब बढ़कर भारत के कुल तेल आयात का करीब 40 प्रतिशत हो गया है. भारत और रूस के बीच तेल के मामले में महत्वपूर्ण अनुबंधों की ओर जेलेंस्की ने इशारा किया. उन्होंने कहा कि पुतिन को अर्थव्यवस्था के बर्बाद होने का डर है, उनके पास तेल के अलावा कुछ नहीं है. तेल से ही वह बचा हुआ है. उनके पास ऐसी अर्थव्यवस्था है, जो तेल पर टिकी हुई है. यदि भारत समेत दुनिया के दूसरे देश रूस से रियायती दामों पर तेल खरीदना बंद कर दें तो वह बर्बाद हो जाएगा.
क्यों रूस से तेल की खरीद कर रहा है भारत?
एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तेल की खरीद का जवाब दिया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कीव में मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत दुनिया में कच्चे तेल का सबसे बड़ा उपभोक्ता है. उन्होंने कहा कि हम एक बड़े तेल आयातक हैं क्योंकि हमारे पास तेल के भंडार नहीं हैं. ऐसा नहीं है कि तेल खरीदने के लिए कोई राजनीतिक रणनीति है. तेल खरीदने के लिए एक तेल रणनीति है. बाजार की रणनीति सब तय करती है. उन्होंने कहा कि इसलिए हम कहां से तेल आयात करते हैं, इसके आंकड़े ऊपर-नीचे आगे भी होते रहेंगे. यह सब बाजार पर निर्भर करता है.
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