पीएम मोदी अपना 9 साल का कार्यकाल आने वाले 26 मई को पूरा कर रहे हैं. इन 9 सालों में मोदी सरकार एक बार भी बैकफुट पर आते हुए नजर नहीं आई. चाहे वो कोविड हो या फिर पुलवामा अटैक, हर चुनौती का इस सरकार ने मजबूती से सामना किया है. मगर इन सब के बीच पीएम मोदी के नेतृत्व में कई जनकल्याणकारी योजनाएं लॉन्च की गई…और ये वही योजनाएं हैं जिसका जादू जरूरतमंदों के सिर चढ़ कर बोला और एक के बाद एक चुनावों में जनता अपना आशीर्वाद मोदी सरकार को देते गई.
2014 में भारत में गैस-सिलेंडर कोई नई चीज नहीं थी. बावजूद इसके बीजेपी की मौजूदा सरकार ने पीएम मोदी के नेतृत्व में 2016 में उत्तर प्रदेश के बलिया से ‘उज्जवला योजना’ की शुरुआत की. इस योजना में बड़ी संख्या में गरीब परिवार की महिलाओं को फ्री गैस कनेक्शन दिए जाते हैं. मोदी सरकार की इस योजना का उद्देश्य एलपीजी जैसे स्वच्छ ईंधन को ग्रामीण इलाकों के गरीब तबकों तक पहुंचाना है. इस योजना का असर ये रहा 2016 में यूपी इलेक्शन में महिलाओं ने बीजेपी को बढ़-चढ़ कर वोट दिया. मगर एक बार फ्री गैस कनेक्शन दिए जाने के बाद इसे रिफिल करवाना काफी महंगा साबित हुआ, शायद यही वजह है की उज्ज्वला योजना की प्रासंगिकता पहले की अपेक्षा घटी है.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत भारत सरकार 2 हेक्टेयर तक की खेतीहर भूमि वाले किसान परिवार को तीन समान किश्तों में साल में कुल 6 हजार रुपये देती है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थी बताते हैं, “2000 रुपये मिलना हम गरीब के लिए तो बड़ी चीज है. जब से यह योजना शुरू हुई है, तब से हम महाजन-साहूकारों के कर्ज और उसके ब्याज से कुछ राहत मिल गई है.” इस योजना ने वाकई ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को बल दिया है.
देश में हर किसी के लिए पक्का मकान सुनिश्चित करने के लिए पीएम मोदी की सरकार ने 25 जून, 2015 को पीएम आवास योजना (PM Awas Yojana) की शुरुआत की. इस योजना के तहत लोगों को होम लोन पर सब्सिडी दी जाती है. अब तक साढ़े तीन करोड़ लाभार्थी इस योजना का लाभ उठा चुने हैं. ये घर बिजली, पानी, शौचालय और पक्की सड़कों जैसी सुविधाओं से लैस होता है.
तीन साल पहले 2020 में कोविड महामारी के दौरान व्यापार और रोजगार दोनों ठप हो गए थे. व्यापार और रोजगार को सपोर्ट करने के लिए सरकार प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना लेकर आई. इस योजना को सरकार खास तौर पर स्ट्रीट वेंडर्स के लिए चला रही है. इस स्कीम के तहत सरकार रोजगार की शुरुआत के लिए बिना किसी गारंटी के लोन दे रही है. पीएम स्वनिधि योजना के तहत 50 हजार रुपये तक का लोन मिल सकता है. सबसे पहले इस योजना तहत किसी को भी 10 हजार रुपये का लोन मिलेगा, जिसे चुकाने के बाद दूसरी बार और कर्ज लिया जा सकता है. खास बात है कि इस योजना पर सरकार सब्सिडी भी देती है. इस योजना का लाभ ज्यादातर रेहड़ी पटरी वाले छोटे व्यवसाइयों ने लिया है.
भारत सरकार द्वारा केन्द्रीय वित्त बजट 2018 में आयुष्मान भारत की घोषणा की गई है, जिसके दो मुख्य स्तंभ हैं, देश में एक लाख हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स स्थापित करना एवं 10 करोड़ परिवारों को पांच लाख प्रतिवर्ष के स्वास्थ्य बीमा कवच से जोड़ना है. योजना के लाभ पूरे देश में कहीं भी लागू करे जा सकते है, और इस योजना के अंतर्गत आने वाले लाभार्थी को देश भर के किसी भी सार्वजनिक या निजी अन्तर्गत अस्पताल से कैशलेस (बिना पैसे दिये) लाभ लेने की अनुमति है.
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