नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विजयदशमी के पावन अवसर पर सात नई रक्षा कंपनियों को राष्ट्र को समर्पित किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह शुभ संकेत हैं कि विजयादशमी के दिन यह कार्यक्रम हो रहा है. शस्त्र पूजन से इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई. भारत शक्ति को ही सृजन का माध्यम मानता है.
उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी आजादी के 75वर्षों में प्रवेश किया है. जो काम दशकों से अटके थे, देश उन्हें पूरा कर रहा है. सात नई कंपनियों की शुरुआत देश की संकल्प यात्रा का हिस्सा है. यह निर्णय पिछले 15-20 साल से अटका हुआ था. मुझे भरोसा है कि सातों कंपनियां आने वाले समय में भारत की सैन्य ताकत का आधार बनेंगी.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी आर्डिनेंस फैक्ट्री दुनिया की शक्तिशाली फैक्ट्री के रूप में जानी जाती थीं. इनके पास लंबा अनुभव है. विश्व युद्ध के समय इनका दमखम दुनिया ने देखा है. आजादी के बाद इन फैक्ट्रियों को अपडेट करने की जरूरत थी, इस पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया. समय के साथ भारत सामरिक चीजों के लिए विदेशों पर निर्भर हो गया. इन परिस्थितियों से परिवर्तन लाने में ये कंपनियां भूमिका निभाएंगी.
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विजयदशमी के मौके पर गुजरात के सूरत में कुमार छात्रावास के निर्माण के लिए आधारशिला रखते हुए भूमिपूजन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि भगवान राम का नाम लेने से अज्ञान मिटता है. इस मौके पर उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल समेत उन महापुरुषों को याद किया, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभाई.
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज द्वारा बनाया गया होस्टेल फेज -1 (कुमार छात्रावास) के भूमिपूजन का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में आज हॉस्टल के फेज 1 का भूमिपूजन हुआ. साल 2024 तक दोनों फेज के काम को पूरा कर लिया जाएगा. आपके इन प्रयासों के द्वारा कई युवाओं को अपने सपने साकार करने का अवसर मिलेगा. मैं सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज को बधाई देता हूं.
उन्होंने कहा कि भारत इस समय अपनी आज़ादी के 75वें वर्ष में है. ये अमृतकाल हमें नए संकल्पों के साथ ही, उन व्यक्तियों को याद करने की भी प्रेरणा देता है, जिन्होंने जनचेतना जागृत करने में बड़ी भूमिका निभाई. आज की पीढ़ी को उन व्यक्तियों के बारे में जानना बहुत ही आवश्यक है.
भारत इस समय अपनी आज़ादी के 75वें वर्ष में है। ये अमृतकाल हमें नए संकल्पों के साथ ही, उन व्यक्तियों को याद करने की भी प्रेरणा देता है, जिन्होंने जनचेतना जागृत करने में बड़ी भूमिका निभाई। आज की पीढ़ी को उन व्यक्तियों के बारे में जानना बहुत ही आवश्यक है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीइसके साथ ही, भारत की तरफ आंख उठाने वाले दुश्मनों के दांत खट्टे होने में अब देर नहीं होगी. उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने के लिए केंद्र सरकार ने पुख्ता इंतजामात कर लिये हैं. आज विजयदशमी के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात नई डिफेंस कंपनियों को राष्ट्र को समर्पित कर दिया है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी एक कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्र को संबोधित भी किया है.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड को 100 फीसदी हिस्सेदारी वाली सात रक्षा कंपनियों में तब्दील करने का फैसला किया है. देश को रक्षा संसाधनों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से सरकार ने यह कदम उठाया है. पीएमओ ने कहा कि इस फैसले से देश में हथियार निर्माण की दिशा में लगी कंपनियों को स्वायत्तता मिलने के साथ उनकी क्षमता में बढ़ोतरी होगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से जिन सात नई रक्षा कंपनियां बनाई गई हैं, उनमें म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड, आर्म्ड वीकल्स निगम लिमिटेड, अडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड शामिल हैं. इनके अलावा ट्रूप्स कम्फर्ट्स लिमिटेड, यंत्र इंडिया लिमिटेड, इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड और ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड शामिल हैं.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा स्वदेशी हथियारों एवं जरूरी सैन्य संसाधनों के निर्माण पर जोर देते रहे हैं. सरकार का मानना है कि इससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा और रक्षा संसाधनों के मामले में देश आत्मनिर्भर हो सकेगा.
Also Read: झारखंड सहित देश की पावर कंपनियां कोयले की समस्या से जूझ रही, लक्ष्य के मुताबिक नहीं हो रहा डिस्पैचपीएमओ ने सात नई रक्षा कंपनियों के बारे में कहा कि सरकार ने देश की रक्षा तैयारियों में आत्मनिर्भरता में सुधार के कदम के तहत आयुध निर्माणी बोर्ड को एक विभाग से सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाले सात कंपनियों में बदलने का फैसला किया है. उसने कहा कि इस कदम से मजबूत कार्यात्मक स्वायत्तता और प्रभावशीलता आएगी तथा नई वृद्धि क्षमता और नवोन्मेष की शुरुआत होगी.