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दो मई से तीन देशों की यात्रा करेंगे पीएम मोदी, विदेश दौरे में 25 कार्यक्रमों में होंगे शामिल

रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चार दिवसीय विदेश यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. इस साल की उनकी पहली विदेश यात्रा ऐसे समय में होने जा रही है, जब भारत के सबसे करीबी और मित्र देश युद्धरत हैं.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो मई से तीन देशों की यात्रा करेंगे. साल 2022 की अपनी पहली विदेश यात्रा के दौरान वे जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस का दौरा करेंगे. वे इन तीन देशों में करीब चार दिनों में 65 घंटे समय बिताएंगे. सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, इन चार दिनों की विदेश यात्रा में प्रधानमंत्री करीब 25 कार्यक्रमों में शामिल होंगे. इसके अलावा, वे करीब सात देशों के आठ नेताओं के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठक भी करेंगे.

7 देशों के 8 नेताओं से बात करेंगे पीएम मोदी

सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 और 3 मई को जर्मनी का दौरा करेंगे. इसके बाद 3 और 4 मई को डेनमार्क जाएंगे और 4 मई को ही वे फ्रांस की यात्रा भी करेंगे. इन तीन देशों की यात्रा के दौरान वे सात देशों के आठ राष्ट्राध्यक्षों के अलावा 50 वैश्विक कारोबारियों के साथ बातचीत भी करेंगे. बताया यह भी जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी जर्मनी और डेनमार्क में एक-एक रात बिताएंगे. उसके बाद 4 मई को वापसी के दौरान वे कुछ देर के लिए पेरिस में रुकेंगे.

रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान महत्वपूर्ण है पीएम की विदेश यात्रा

रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चार दिवसीय विदेश यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. इस साल की उनकी पहली विदेश यात्रा ऐसे समय में होने जा रही है, जब भारत के सबसे करीबी और मित्र देश युद्धरत हैं. यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई से अमेरिका समेत पूरा यूरोप रूस के खिलाफ खड़ा है. हालांकि, इन दोनों देशों के युद्ध में भारत की भूमिका तटस्थता की है, लेकिन मानवता की रक्षा के लिए वह लगातार दोनों देशों से शांति की अपील कर रहा है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मित्र और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर करीब तीन बार बात की है. वहीं, उन्होंने यूक्रेन में शांति बहाली के लिए राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से भी वार्ता की है.

भारत से की गई शांति बहाली की पहल की अपील

इतना ही नहीं, यूक्रेन में मानवता की रक्षा और शांति बहाली में भारत की ओर से पहल करने की अपील करने के लिए अभी हाल ही में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत की यात्रा की. इसके अलावा, वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियों को लेकर नई दिल्ली में आयोजित रायसीना डायलॉग में शामिल होने के लिए नार्वे, नीदरलैंड और लिथुआनिया के विदेश मंत्रियों ने भी भारत का दौरा किया. इससे पहले, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने 31 मार्च से 1 अप्रैल तक के अपने भारत यात्रा के दौरान पीएम मोदी से मुलाकात की. इसके बाद फ्रांस के विदेश मंत्री जीन यवेस ली द्रियान ने भारत की यात्रा की.

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क्या है पीएम मोदी की यात्रा का प्लान

वैश्विक नेताओं की भारत यात्रा के बाद अब जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल की पहली विदेश यात्रा करेंगे तो इस दौरान वे सबसे पहले बर्लिन रुकेंगे. वहां वे बर्लिन के चांसलर ओलाफ शुल्त्ज के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इसके बाद एक संयुक्त व्यावसायिक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री जर्मनी में भारतीय समुदाय को संबोधित करने के बाद बातचीत करेंगे. इसके बाद वे डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन के साथ बैठक करेंगे. मोदी डेनमार्क द्वारा आयोजित किए जा रहे दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. इसी सम्मेलन में वे आइसलैंड के प्रधानमंत्री कैटरीन याकोबस्डोटिर, नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, स्वीडन के प्रधानमंत्री मैग्डालेना एंडरसन और फिनलैंड के प्रधानमंत्री सना मरीन शामिल रहेंगी. अपनी यात्रा के तीसरे पड़ाव में मोदी पेरिस रुकेंगे. इसमें फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे.

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