कोरोना के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से हटाई जाएगी पीएम मोदी की तस्वीर, चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय को दिया निर्देश
प्राप्त सूचनाओं के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजे गए एक पत्र में चुनाव आयोग ने आचार संहिता के कुछ प्रावधानों का हवाला दिया है, जो सरकारी खर्च पर विज्ञापन पर पांबदी लगाते हैं.
नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की ओर से कोरोना टीकाकरण के बाद दिए जाने वाले प्रमाणपत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई. टीएमसी की इस शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को कोरोना टीकाकरण प्रमाणपत्र से प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर हटाने का निर्देश दिया है. टीएमसी ने अपनी शिकायत में ऐतराज जाहिर किया था कि प्रमाणपत्र पर पीएम मोदी की तस्वीर लगाना चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन है. टीएमसी के इस ऐतराज के बाद निर्वाचन आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय को कहा कि वह चुनावी नियमों का अक्षरश: पालन करे.
प्राप्त सूचनाओं के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजे गए एक पत्र में चुनाव आयोग ने आचार संहिता के कुछ प्रावधानों का हवाला दिया है, जो सरकारी खर्च पर विज्ञापन पर पांबदी लगाते हैं. चुनाव आयोग और मंत्रालय के बीच हुए संवाद के जानकार सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग ने किसी व्यक्ति या शख्सियत का हवाला नहीं दिया है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय से कहा है कि वह आचार संहिता के प्रावधानों का अक्षरश: पालन करे.
सूत्र ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय को संभवत: अब फिल्टर का उपयोग करना पड़ेगा, ताकि पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी (जहां-जहां चुनाव होने हैं) में कोरोना टीकाकरण के प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर ना छपे. सिस्टम में इस फिल्टर को अपलोड करने में समय लगेगा.
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को चुनाव आयोग को दी गई शिकायत में आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल और अन्य चुनावी राज्यों में कोविन प्लेटफॉर्म के जरिए प्राप्त किए जाने वाले कोरोना टीकाकरण प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर होना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. पार्टी ने तस्वीर को प्रधानमंत्री द्वारा अधिकार का दुरुपयोग करार दिया है. पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद 26 फरवरी से आदर्श आचार संहिता प्रभावी है.
Posted by : Vishwat Sen