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पीएम मोदी फ्रांस के लिए रवाना, बैस्टिल दिवस समारोह में होंगे शामिल, जानिए किन सामरिक मुद्दों पर होगा समझौता?

पीएम मोदी की बृहस्पतिवार से शुरू होने वाली फ्रांस यात्रा काफी महत्वपूर्ण होगी और आने वाले वर्षों में दोनों देशों के सामरिक गठजोड़ के लिए ‘नये मानदंड’ तय करेगी. समझा जाता है कि भारत द्वारा राफेल के नौसेना प्रारूप के 26 विमानों की खरीद के लिए आवश्यक तैयारियां की गयी है ताकि इसकी घोषणा की जा सके.

By Abhishek Anand | July 13, 2023 11:02 AM
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पीएम मोदी तीन दिवसीय विदेश दौरे के पहले सत्र में फ्रांस और फिर फिर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का ऑफिसियल यात्रा के लिए आज रवाना हुए. यात्रा के पहले खंड में पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर 13 और 14 जुलाई को फ्रांस में होंगे. वहीं 15 जुलाई को पीएम मोदी संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर रहेंगे.

सामरिक गठजोड़ के लिए ‘नये मानदंड’ तय करेगा पीएम मोदी की यात्रा 

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने पीएम मोदी की यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बृहस्पतिवार से शुरू होने वाली दो दिवसीय फ्रांस यात्रा काफी महत्वपूर्ण होगी और आने वाले वर्षों में दोनों देशों के सामरिक गठजोड़ के लिए ‘नये मानदंड’ तय करेगी. प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच बातचीत रक्षा संबंधों को बढ़ाने पर केंद्रित रहने की उम्मीद है. समझा जाता है कि भारत द्वारा राफेल के नौसेना प्रारूप के 26 विमानों की खरीद के लिए आवश्यक तैयारियां की गयी है ताकि इसकी घोषणा की जा सके. इसके साथ ही विमान के इंजन के संयुक्त विकास से जुड़े सौदे पर भी बात आगे बढ़ सकती है.

पीएम मोदी 14 जुलाई को फ्रांस में बैस्टिल दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि होंगे

पीएम मोदी 14 जुलाई को फ्रांस में बैस्टिल दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि होंगे. इसमें भारतीय सेना के तीनों अंगों की एक टुकड़ी भी हिस्सा ले रही है. इस यात्रा के दौरान फ्रांस के साथ सामारिक, वैज्ञानिक, अकादमिक और आर्थिक सहयोग जैसे विविध क्षेत्रों में भविष्य के सहयोग का रास्ता तलाशने पर भी चर्चा होगी. इसमें रक्षा, अंतरिक्ष, कारोबार एवं निवेश के क्षेत्र शाामिल हैं. बैस्टिल दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की 269 सदस्यीय तीनों सेनाओं की टुकड़ी दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों में सवार होकर बृहस्पतिवार को पेरिस के लिए रवाना हुई थी. इसमें फ्रांसिसी लड़ाकू विमानों के साथ भारतीय वायु सेना के कम से कम तीन राफेल लड़ाकू विमान भी हिस्सा लेंगे.

फ्रांस में हो रही हिंसा का यात्रा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा- विदेश सचिव 

क्वात्रा ने हाल ही में फ्रांस के कई शहरों में हिंसक घटनाओं को उस देश का आंतरिक मामला बताया और कहा कि इसका इस यात्रा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. मोदी-मैक्रों वार्ता के आयामों के बारे में कोई विशिष्ट जानकारी देने से इंकार करते हुए विदेश सचिव ने कहा कि चर्चा में सैन्य उपकरणों का सह उत्पादन, सह विकास और मिलकर डिजाइन तैयार करने से जुड़ना और इसे भारत की आत्मनिर्भरता की प्राथमिकताओं से जोड़ना शामिल हो सकता है

दोनों नेता सामरिक गठजोड़ के महत्वपूर्ण स्तम्भों की समीक्षा करेंगे- विदेश सचिव 

क्वात्रा ने बताया कि दोनों नेता सामरिक गठजोड़ के महत्वपूर्ण स्तम्भों की समीक्षा करेंगे जिसमें सुरक्षा, असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी, आतंकवाद से मुकाबला, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष, जलवायु परिवर्तन आदि शामिल है. उन्होंने कहा कि दोनों नेता अंतरिक्ष में नये क्षेत्रों में सहयोग के रास्ते तलाश कर सकते हैं. भारत पहले ही वायुसेना के लिए फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीद चुका है. भारतीय नौसेना स्वदेश में निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के लिए डेक-आधारित 26 लड़ाकू विमान खरीदने पर विचार कर रही है.

प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय फ्रांस यात्रा पूरी करने के बाद लौटते हुए 15 जुलाई को अबू धाबी जायेंगे

प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय फ्रांस यात्रा पूरी करने के बाद लौटते हुए 15 जुलाई को अबू धाबी जायेंगे जहां वे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नह्यान के साथ ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों पर द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाने के लिए वार्ता करेंगे.

प्रधानमंत्री की इस यात्रा से दोनों पक्षों को वैश्विक मुद्दों पर सहयोग को लेकर चर्चा करने का अवसर मिलेगा- विदेश सचिव 

विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘ भारत-यूएई की समग्र सामरिक साझेदारी सतत रूप से मजबूत हो रही है और प्रधानमंत्री की यात्रा ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य सुरक्षा, फिनटेक, रक्षा और संस्कृति सहित विभिन्न क्षेत्रों में इसे गहरा बनाने के रास्ते तलाशने का अवसर प्रदान करेगी.’’ इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री की इस यात्रा से दोनों पक्षों को वैश्विक मुद्दों पर सहयोग को लेकर चर्चा करने का अवसर मिलेगा जो खासतौर पर सीओपी -28 की यूएई की अध्यक्षता और जी20 की भारत की अध्यक्षता के परिप्रेक्ष्य में अहम है. यूएई जी20 सम्मेलन में विशेष आमंत्रित देश है.

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