नयी दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए जारी संघर्ष के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की. प्रधानमंत्री इस दौरान मुख्यमंत्रियों से उनकी राय ले रहे हैं कि कोविड-19 के कारण लागू 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन को 14 अप्रैल से आगे बढ़ाया जाये या नहीं. समझा जाता है कि केंद्र सरकार ने इस महामारी को फैलने से रोकने के प्रयासों में शामिल सभी पक्षकारों और संबंधित एजेंसियों के विचार प्राप्त कर लिये हैं.
प्रधानमंत्री के साथ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई. ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि केंद्र सरकार कुछ छूट के साथ देशव्यापी लॉकडाउन को बढ़ा सकती है. पंजाब और ओडिशा 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन को आगे बढ़ाने का पहले ही फैसला कर चुका है केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों से विभिन्न पहलुओं को लेकर विचार मांगे हैं जिसमें यह पूछा गया है कि क्या कुछ अन्य श्रेणियों के लोगों और सेवाओं को छूट दिये जाने की जरूरत है. वर्तमान लॉकडाउन में केवल आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है.
सूत्रों के हवाले से ऐसी जानकारी मिल रही है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव दिया कि देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन की अवधि 30 अप्रैल तक बढ़ाई जानी चाहिए.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस संक्रमण के 7,447 मामले सामने आए हैं और इसके कारण 239 लोगों की मौत हो चुकी है. मोदी ने बुधवार को लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्ष समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से कहा था कि कोरोना वायरस के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन एक बार में नहीं हटाया जायेगा.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि हर व्यक्ति के जीवन को बचाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है. अधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा था कि कई राज्य, जिला प्रशासन और विशेषज्ञों ने वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा था कि देश में स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ जैसी है और कड़े निर्णय लेने की जरूरत है,