पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम ममता बनर्जी के बीच तीखी बहस देखी जा चुकी है. दोनों ने एक-दूसरे पर आरोपों के खूब तीर भी चलाए थे. इसका असर रिश्तों में बढ़ते खटास के रूप में भी सामने आ चुका है. कहीं ना कहीं पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव आलापन बंद्योपाध्याय के मुद्दे पर राज्य और केंद्र सरकार के बीच लड़ाई अहम का मुद्दा बन गई है. चक्रवात यास को लेकर पीएम मोदी की समीक्षा बैठक के बाद ऐसा विवाद बढ़ा कि सीएम ममता बनर्जी के मुख्य सचिव आलापन बंद्योपाध्याय पर सबसे बड़ी गाज गिर गई. उन्हें दिल्ली तलब कर लिया गया.
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अब मुख्य सचिव आलापन बंद्योपाध्याय के तबादले के केंद्र के आदेश को सीएम ममता बनर्जी ने रोक दिया है. ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव को रिलीव करने से इंकार कर दिया है. सोमवार को भी आलापन बंद्योपाध्याय आपदा प्रबंधन की बैठक में शामिल होने कोलकाता के नबान्न पहुंचे थे. अब, इस हाई-प्रोफाइल मुद्दे पर केंद्र सरकार का कैसा स्टैंड होता है? इसका जवाब आने वाले कल में छिपा है. लेकिन, केंद्र सरकार के पुराने ट्रैक रिकॉर्ड को देखें तो कड़ी कार्रवाई जरूर होगी. आयुष्मान भारत योजना और पीएम किसान सम्मान योजना को लेकर भी राज्य और केंद्र सरकार में टकराव की स्थिति थी. आज भी इस मुद्दे पर दोनों तरफ में बयानबाजी होती रहती है.
हम आपको पिछले साल के 10 दिसंबर की घटना के बारे में बताते हैं. 10 दिसंबर को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमला किया गया था. इसका आरोप टीएमसी समर्थकों पर लगा था. आनन-फानन में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले आईपीएस अधिकारियों को दिल्ली तलब कर लिया गया था. उस आदेश को भी ममता बनर्जी ने नहीं माना था. सरकार बनने के बाद उन अधिकारियों को प्रमोशन दिया गया. चुनाव के दौरान भी आयोग ने कई अधिकारियों पर गाज गिराई थी. जब ममता बनर्जी तीसरी बार बंगाल की सीएम बनीं तो उन्होंने भोलानाथ पांडे को अलीपुरदुआर का एसपी, प्रवीण त्रिपाठी को डीआइजी (प्रोविजनल) और राजीव मिश्रा को एडीजी एंड आइजी (प्लानिंग) की जिम्मेदारी दे दी.
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पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव के दिल्ली बुलावे को लेकर सीएम ममता बनर्जी लगातार नाराजगी जताती रही हैं. शनिवार को कोलकाता में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर सबसे बड़ा हमला करते हुए खुद को अपमानित करने का आरोप भी लगाया था. ममता बनर्जी ने कहा था कि मुख्य सचिव को दिल्ली तलब करके केंद्र सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. उन्होंने यास चक्रवात के बाद की स्थिति और कोरोना संकट को देखते हुए मुख्य सचिव आलापन बंद्योपाध्याय के तबादले को रोकने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार मुझे अपमानित करने के लिए मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाने की कोशिश में जुटी हुई है.