UNSC में बोले पीएम मोदी- आतंकवाद के लिए हो रहा समुद्री मार्ग का इस्तेमाल, सागर की सुरक्षा के दिये ये 5 मंत्र
PM Narendra Modi at UNSC: पीएम मोदी ने कहा कि हमारे समुद्र में कई चुनौतियां हैं. समुद्री मार्ग का दुरुपयोग हो रहा है. इस मार्ग का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए हो रहा है.
PM Narendra Modi at UNSC: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि समुद्री मार्ग का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए हो रहा है. इसे रोकना हम सबकी जिम्मेदारी है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की हाई-लेवल ओपेन डिबेट में पीएम मोदी ने समुद्री सुरक्षा के लिए पांच मंत्र भी दिये.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे समुद्र में कई चुनौतियां हैं. समुद्री मार्ग का दुरुपयोग हो रहा है. इस मार्ग का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए हो रहा है. समुद्री डकैती को बढ़ावा दिया जा रहा है. समुद्री सुरक्षा बढ़ाना: अंतर्राष्ट्रीय सहयोग विषयक ओबेन डिबेट में उन्होंने ये बातें कहीं.
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पीएम मोदी ने कहा कि समुद्र हमारी साझी विरासत हैं और समुद्री मार्ग अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लाइफलाइन हैं. हमारी धरती के भविष्य के लिए ये सागर बेहद अहम हैं. पीएम मोदी ने कहा, ‘पांच सिद्धांतों को अपनाकर हम समुद्र और समुद्री मार्ग की सुरक्षा कर सकते हैं.’
Chairing the UNSC High-Level Open Debate on “Enhancing Maritime Security: A Case For International Cooperation”. https://t.co/cG5EgQNENA
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2021
श्री मोदी ने कहा कि सबसे पहले समुद्री व्यापार को बाधामुक्त बनाना होगा. उन्होंने कहा कि समुद्री मार्ग से जुड़े तमाम विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से और अंतरराष्ट्रीय कनून के तहत सुलझाया जाये. पीएम मोदी ने कहा कि मेरा तीसरा सुझाव यह है कि जिम्मेदार समुद्री संपर्क को प्रोत्साहित किया जाये.
सागर को खतरों से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी- मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि मेरी चौथी सलाह यह है कि समुद्र में गैर-सरकारी तत्वों के खतरों और प्राकृतिक आपदाओं से निबटने के लिए सामूहिक प्रयास किये जायें. इसके साथ ही हमें समुद्री पर्यावरण और समुद्री संसाधनों की सुरक्षा की दिशा में उचित कदम उठाने होंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि हमें समुद्र के जरिये होने वाले व्यापार के मार्ग में आने वाली तमाम बाधाओं को दूर करना होगा. बाधारहित समुद्री व्यापार हमारी तरक्की और समृद्धि का आधार बन सकता है. वहीं, अगर इस मार्ग में कोई बाधा आती है, तो वह वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती बन सकती है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के ओपेन डिबेट में पीएम मोदी ने भारत की संस्कृति से समुद्र के संबंधों को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि मुक्त समुद्री व्यापार अनादि काल से भारत की संस्कृति से जुड़ा हुआ है.
ओपेन डिबेट की अध्यक्षता करने वाले मोदी पहले भारतीय पीएम
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को समुद्री सुरक्षा बढ़ाने और इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उच्च स्तरीय खुली परिचर्चा की अध्यक्षता की. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली परिचर्चा की अध्यक्षता करने वाले नरेंद्र मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं.
प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये ‘समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा: अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता’ पर खुली परिचर्चा की अध्यक्षता की. परिचर्चा में यूएनएससी के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और सरकार के प्रमुख तथा संयुक्त राष्ट्र प्रणाली एवं प्रमुख क्षेत्रीय संगठनों के उच्च स्तरीय विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं. परिचर्चा समुद्री अपराध और असुरक्षा का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने तथा समुद्री क्षेत्र में समन्वय को मजबूत करने के तरीकों पर केंद्रित थी.
यूएनएससी ने समुद्री सुरक्षा और समुद्री अपराध के विभिन्न पहलुओं पर पूर्व में चर्चा कर कई प्रस्ताव पारित किये हैं. हालांकि, यह पहली बार था, जब उच्चस्तरीय खुली बहस में एक विशेष एजेंडा के रूप में समुद्री सुरक्षा पर समग्र रूप से चर्चा की गयी.
Posted By: Mithilesh Jha