आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) द्वारा आयोजित समारोह का उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन से किया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देशवासियाें को गुरु पूर्णिमा की शुभकामना देते हुए कहा कि भारत को धम्म की उत्पत्ति की भूमि होने पर गर्व है. धम्म भारत से उत्पन्न हुआ फिर यहां से होकर पड़ोसी क्षेत्रों में फैला. वहां की नई उपजाऊ मिट्टी और नई जलवायु में यह काफी हद तक बढ़ा. काफी हद तक इसका प्रचार प्रसार हुआ. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो के जरिए देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आज आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर सभी को अपनी शुभकामनाएं देना चाहता हूं. आज का यह खास दिन हमारे गुरुओं को याद करने का दिन है, उन्हे सम्मान देने का दिन है जिन्होंने हमें ज्ञान दिया है.
उन्होंने युवाओं से अपील कि की वो महात्मा बुद्ध के विचारों से जुड़ें. खुद के साथ-साथ दूसरों का भी मार्गदर्शन करें. अपने संबोधन में बिना चीन का नाम लिये कहा कि ‘हम बुद्ध के विचारों से चुनौती से निपटेंगे’. उनके विचारों से वैश्विक चुनौतियों का सामना किया जा सकता है. ये पहले भी प्रसांगिक थे. अभी भी हैं और आगे भी रहेंगे. भगवान बुद्ध का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध का आष्टांगिक मार्ग कई समाज और राष्ट्र के कल्याण की दिशा में रास्ता दिखाता है. यह करुणा और दया के महत्व पर प्रकाश डालता है. उन्होंने कहा कि कहा कि बौद्ध धर्म लोगों को आदर करना सिखाता है.
पीएम मोदी ने बताया कि गौतम बुद्ध के सारनाथ में अपने दिये उपदेश में आशा और उद्देश्य को महत्व दिया और कहा कि आशा से ही उद्देश्य पैदा होता है. मोदी ने कहा कि हमारे राष्ट्र के पास युवा शक्ति है. हमारी युवा शक्ति वैश्विक समस्याओं का हल निकाल सकती है. बता दे कि आज ही के दिन महात्मा बुद्ध ने अपने पहले पांच शिष्यों को प्रथम उपदेश दिया था. पूरी दुनिया के बौद्ध हर साल दिन को धर्म चक्र प्रवर्तन दिवस के रूप में मनाते हैं. हिंदू धर्म में भी आज गुरु के प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है. इस दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है.
Posted By: Pawan Singh