प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का जलावतरण किया. इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जिनके पास ऐसे बड़े युद्धपोतों के निर्माण की घरेलू क्षमताएं हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने यहां कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में एक समारोह में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से, स्वदेश में निर्मित जहाज को नौसेना के बेड़े में शामिल किया.
#WATCH | PM Narendra Modi commissions indigenous Aircraft Carrier IAC Vikrant, the largest & most complex warship ever built in India's maritime history, into the Indian Navy at a ceremony in Kochi, Kerala. #INSVikrant pic.twitter.com/8oiQN2AnMg
— ANI (@ANI) September 2, 2022
आईएनएस विक्रांत के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी स्तर पर विमानवाहक पोत बना सकते हैं. मोदी ने कहा, विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है. विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है. विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है. यह 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत के समुद्री इतिहास का सबसे बड़ा जहाज तथा स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत भारत के रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है. प्रधानमंत्री ने कहा, आईएनएस विक्रांत भारत के रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है.
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मोदी ने आईएनएस विक्रांत को बेड़े में शामिल करने के मौके पर एक फलक का भी अनावरण किया. इस जहाज का नाम नौसेना के एक पूर्व जहाज ‘विक्रांत’ के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभायी थी. यह जहाज अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. आईएनएस विक्रांत के जलावतरण समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन, एर्नाकुलम के सांसद हिबी एडन, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरी कुमार तथा नौसेना और सीएसएल के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए.