PM मोदी का बांग्लादेश दौरा खत्म, बोले- दोनों ही देश दुनिया में अस्थिरता, आतंक और अशांति की जगह स्थिरता, प्रेम एवं शांति चाहते हैं
PM Narendra Modi Bangladesh Visit प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बांग्लादेश दौरा खत्म हो गया है. पीएम मोदी ढाका से दिल्ली के लिए रवाना हो गए है. बता दें कि शुक्रवार को बांग्लादेश पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने ढाका में देश की आजादी के स्वर्ण जयंती समारोह और बंगबंधु की जन्म शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत और बांग्लादेश विश्व में अस्थिरता, आतंक और अशांति की जगह स्थिरता, प्रेम एवं शांति चाहते हैं.
PM Narendra Modi Bangladesh Visit प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बांग्लादेश दौरा खत्म हो गया है. पीएम मोदी ढाका से दिल्ली के लिए रवाना हो गए है. बता दें कि शुक्रवार को बांग्लादेश पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने ढाका में देश की आजादी के स्वर्ण जयंती समारोह और बंगबंधु की जन्म शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत और बांग्लादेश विश्व में अस्थिरता, आतंक और अशांति की जगह स्थिरता, प्रेम एवं शांति चाहते हैं.
PM Narendra Modi concludes his two-day Bangladesh visit, leaves from Dhaka for New Delhi pic.twitter.com/sk6GKRsUJt
— ANI (@ANI) March 27, 2021
साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि दोनों पड़ोसी देश अपने विकास से विश्व को प्रगति करते देखना चाहते हैं. मतुआ सम्प्रदाय के आध्यात्मिक गुरु हरिचंद ठाकुर की जन्मस्थली ओराकांडी के एक मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद प्रधानमंत्री ने इस समुदाय के लोगों से संवाद करने के दौरान यह कहा. उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश दोनों ही देश अपने विकास से, अपनी प्रगति से पूरे विश्व की प्रगति देखना चाहते हैं. दोनों ही देश दुनिया में अस्थिरता, आतंक और अशांति की जगह स्थिरता, प्रेम एवं शांति चाहते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह कई वर्षों से ओराकांडी आने का इंतजार कर रहे थे. नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब 2015 में वह बांग्लादेश आए थे, तब उन्होंने ओराकांडी जाने की अभिलाषा व्यक्त की थी. ओराकांडी हिन्दू मतुआ सम्प्रदाय का तीर्थ स्थल है और पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में इस सम्प्रदाय के लोग रहते हैं. मोदी ने कहा, मैं आज वैसा ही महसूस कर रहा हूं, जो भारत में रहने वाले मतुआ संप्रदाय के मेरे हजारों-लाखों भाई-बहन ओराकांडी आकर महसूस करते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि मैं यहां कुछ लोगों से बात कर रहा था. वे कह रहे थे कि किसने सोचा था कि भारत के प्रधानमंत्री ओराकांडी आएंगे. प्रधानमंत्री ने बाद में ट्वीट किया और कहा, ओराकांडी ठाकुरबाड़ी की की मेरी यात्रा एक ऐसा अनुभ्व है जिसे मैं आजीवन याद रखूंगा. यह एक बहुत ही पवित्र स्थल है, जिसका मतुआ समुदाय से करीबी संबंध है. राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि प्रधानमंत्री का ओराकांडी मंदिर का दौरा और मतुआ समुदाय के लोगों से संवाद करने का राजनीतिक महत्व है. उनका यह दौरा ऐसे समय हुआ है, जब पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं.
प्रधानमंत्री के साथ इस अवसर पर बंगाल से भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर भी मौजूद थे. मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मतुआ समुदाय के लोग हरिचंद ठाकुर की जयंती पर प्रति वर्ष बरूनी स्नान उत्सव मनाते हैं और भारत से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इसमें शामिल होने के लिए ओराकांडी आते हैं. उन्होंने कहा कि भारत के नागरिकों के लिए इस तीर्थयात्रा को सुगम बनाने को लेकर भारत सरकार की ओर से प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा, ठाकुरनगर (पश्चिम बंगाल) में मतुआ संप्रदाय के गौरवशाली इतिहास को प्रतिबिंबित करते हुए भव्य आयोजनों और विभिन्न कार्यों के लिए भी हम संकल्पबद्ध हैं.
मोदी ने कहा, मैं हमेशा से ठाकुरबाड़ी के परिवार के सदस्यों के बहुत करीब रहा हूं. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भारत और बांग्लादेश के लिए यह जरूरी है कि वे एकजुट हों और साझा चुनौतियों का मुकाबला करें. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारत और बांग्लादेश ने अपनी क्षमताओं को साबित किया है. उन्होंने कहा कि आज भारत और बांग्लादेश कोरोना का मजबूती से मुकाबला कर रहे हैं और मेड इन इंडिया टीके बांग्लादेश के नागरिकों तक भी पहुंचे, भारत इसे अपना कर्तव्य समझते हुए कर रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत आज सबका साथ, सबका विकास, और सबका विश्वास के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहा है और बांग्लादेश इसमें सहयात्री है. उन्होंने कहा, वहीं बांग्लादेश आज दुनिया के सामने विकास और परिवर्तन का एक मजबूत उदाहरण पेश कर रहा है और इन प्रयासों में भारत आपका सहयात्री है.
प्रधानमंत्री ने अपनी दो दिवसीय बांग्लादेश यात्रा के दूसरे दिन की शुरुआत सत्खिरा स्थित प्राचीन जशोरेश्वरी काली मंदिर में देवी काली की पूजा अर्चना से की और इस दौरान समस्त मानव जाति के कल्याण की कामना की. कई शताब्दियों पुराना यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है. कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद प्रधानमंत्री की यह पहली विदेश यात्रा है. यह यात्रा शेख मुजीबुर रहमान की जन्मशताब्दी, भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के पचास वर्ष पूरे होने और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के पचास वर्ष पूरे होने से संबंधित हैं. प्रधानमंत्री ने इससे पहले वर्ष 2015 में बांग्लादेश की यात्रा की थी. उस समय उन्होंने ढाकेश्वरी देवी में पूजा अर्चना की थी. (इनपुट : भाषा)
Also Read: President Ram Nath Kovind Health Update : राष्ट्रपति की हालत स्थिर, AIIMS में 30 मार्च को हो सकती है बाइपास सर्जरीUpload By Samir