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सागरमाला योजना के तहत माइनर बंदरगाह का शिलान्यास हुआ
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लगभग 2426 करोड़ रुपये से बनेगा राष्ट्रीय राजमार्ग
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तीन सालों में प्रधानमंत्री दो बार पुडुचेरी जा चुके हैं
आगामी विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को केंद्र शासित क्षेत्र पुडुचेरी को विभिन्न विकास परियोजनाओं की सौगात दी.
प्रधानमंत्री ने इस दौरान सागरमाला योजना के तहत माइनर बंदरगाह का शिलान्यास किया तथा राष्ट्रीय राजमार्ग 45-ए को चार लेन में परिवर्तित किए जाने और कराईकल जिले में मेडिकल कॉलेज भवन के नए परिसर के निर्माण की आधारशिला रखी.
राष्ट्रीय राजमार्ग 45-ए के तहत विल्लुपुरम से नागपट्टिनम परियोजना का 56 किमी लंबा सतनाथपुरम-नागापट्टिनम मार्ग आएगा. इस परियोजना पर लगभग 2426 करोड़ रुपये खर्च आएगा. पुडुचेरी में माइनर पोर्ट पर 44 करोड़ खर्च होने का अनुमान है. इन परियोजनाओं के अलावा प्रधानमंत्री ने यहां स्थित इंदिरा गांधी खेल परिसर में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक का शिलान्यास किया.
मौजूदा 400 मीटर की सिंडर ट्रैक सतह पुरानी और चलन से बाहर हो गई है. इस परियोजना पर 7 करोड़ रुपये खर्च आएगा. प्रधानमंत्री ने यहां के जवाहरलाल इंस्टिट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जेआईपीएमईआर) में ब्लड सेंटर का उद्घाटन किया. इसे 28 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया गया है.
उन्होंने यहां के लॉस्पेट इलाके में 100 बिस्तर वाले गर्ल्स हॉस्टल का भी उद्घाटन किया. भारतीय खेल प्राधिकरण के तत्वावधान में लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत से इसे महिला एथलीटों के लिए बनाया गया है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने पुनर्निर्मित हेरिटेज मैरी बिल्डिंग का भी उद्घाटन किया. मैरी बिल्डिंग को फ्रांसिसियों ने बनाया था और अब इसे लगभग 15 करोड़ रुपये की लागत से उसी वास्तुकला के साथ पुनर्निर्मित किया गया है.
पिछले तीन सालों में प्रधानमंत्री का यह पुडुचेरी का दूसरा दौरा है. इससे पहले 2018 में उन्होंने निकटवर्ती विल्लुपुरम जिले में ऑरोविले अंतरराष्ट्रीय परियोजना का दौरा किया था और इस दौरान एक जनसभा को भी संबोधित किया था. प्रधानमंत्री का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब प्रदेश का राजनीतिक माहौल पूरी तरह बदला हुआ है.
कांग्रेसनीत राज्य सरकार के अल्पमत में आने के बाद वी नारायणसामी ने 22 फरवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. उनके इस्तीफे के बाद किसी भी राजनीतिक दल ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. राष्ट्रपति की इस प्रस्ताव को स्वीकृति के साथ यहां विधानसभा भंग हो जाएगी. पुडुचेरी में इसी साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं.
Posted By : Rajneesh Anand