केंद्र की नरेंद्र मोदी (PM Modi) सरकार लड़कियों की शादी (Girls Age of Marriage) की न्यूनतम आयु में बदलाव की तैयारी कर रही है. शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर 75 रुपये का स्मारक सिक्का जारी करने का काम किया. इस अवसर पर उन्होंने देश की बेटियों को संबोधित करते हुए कहा कि बेटियों का ग्रॉस एनरॉलमेंट अनुपात बेटों से भी ज्यादा हो चुका है.
प्रधानमंत्री ने बेटियों को आश्वासन दिया और कहा कि बहुत ही जल्द रिपोर्ट आ जाएगा…और रिपोर्ट के आते ही उस पर सरकार कार्रवाई करेगी. यहां चर्चा कर दें कि शादी की उम्र में बदलाव के संकेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से देश के नाम अपने संबोधन में दे दिये थे.
मोदी सरकार क्यों उठाना चाहती है यह कदम? : मोदी सरकार के इस निर्णय पर जोर देने की बात की जाए तो लड़कियों की न्यूनतम उम्र सीमा में बदलाव करके सरकार मातृ मृत्युदर (Maternal mortality rate) में कमी लाने के प्रयास में है. बताया जा रहा है कि सरकार की इस कवायद के पीछ सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला भी हो सकता है जिसमें उसने कहा था कि वैवाहिक दुष्कर्म से बेटियों को बचाना चाहिए और इसके लिए बाल विवाह को पूरी तरह से अवैध करार दिया जाना चाहिए.
क्या कहा था पीएम मोदी ने : लाल किले की प्राचीर से 74वें स्वाधीनता दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने महिलाओं से संबंधित कई मुद्दों की चर्चा की. उन्होंने कहा, बेटियों में कुपोषण खत्म हो, उनकी शादी की सही आयु क्या हो, इसके लिए हमने कमेटी बनाई है. उसकी रिपोर्ट आते ही बेटियों की शादी की उम्र के बारे में भी उचित फैसले लिए जाएंगे. देश में अभी लड़कियों की शादी की कम से कम उम्र 18 वर्ष निर्धारित है जबकि लड़कों की उम्र सीमा 21 वर्ष है.
यूनिसेफ के आंकड़ों के अनुसार: यूनिसेफ के आंकड़ों के अनुसार भारत में अब भी बाल विवाह जारी है. आंकड़ों के अनुसार 27 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 साल से पहले और 7 प्रतिशत लड़कियों की शादी 15 साल से पहले हो जाती है.
Posted By : Amitabh Kumar