प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राज्यसभा में भावुक होकर रो पड़े जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हुई एक आतंकी घटना का जिक्र किया और याद किया कि किस तरह गुलाम नबी आजाद उनसे बार-बार वहां का हालचाल ले रहे थे.
गौरतलब है कि कांग्रेस सांसद गुलाम नबी सहित चार अन्य सांसदों के विदाई भाषण में पीएम मोदी भावुक हुए. उन्होंने कहा कि गुलाम नबी उस वक्त उनसे ऐसे घटना की जानकारी ले रहे थे, जैसे किसी के घर का व्यक्ति लेता है. प्रधानमंत्री इतने भावुक हो गये थे कि वे कुछ देर तक भाषण रोककर चुप हो गये. उन्होंने गुलाम नबी के व्यवहार और उनके सदाचार की तारीफ की और उन्हें अपना करीबी मित्र बताया.
#WATCH: PM Modi gets emotional while reminiscing an incident involving Congress leader Ghulam Nabi Azad, during farewell to retiring members in Rajya Sabha. pic.twitter.com/vXqzqAVXFT
— ANI (@ANI) February 9, 2021
पीएम मोदी ने कहा विपक्ष के नेता के पद पर रहते हुए आजाद ने कभी दबदबा स्थापित करने का प्रयास नहीं किया. प्रधानमंत्री ने बताया कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब आजाद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री थे. उन दिनों कश्मीर में पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ और कुछ पर्यटक मारे गए थे. इनमें गुजरात के पर्यटक भी थे. मोदी ने कहा तब सबसे पहले, गुलाम नबी आजाद ने फोन कर उन्हें सूचना दी और उनके आंसू रुक नहीं रहे थे.
मैंने तत्कालीन रक्षा मंत्री प्रणब मुखर्जी से पर्यटकों के पार्थिव शरीर लाने के लिए सेना का हवाई जहाज उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जो उन्होंने स्वीकार कर लिया. रात को पुन: आजाद ने फोन किया. यह फोन उन्होंने हवाईअड्डे से किया और उनकी चिंता उसी तरह थी जिस तरह लोग अपने परिवार की चिंता करते हैं. यह बोलते हुए प्रधानमंत्री का गला रुंध गया. पीएम ने कहा मेरे लिए बहुत भावुक पल था.
पीएम मोदी ने कहा कि गुलाम नबी आजाद हमेशा देश की चिंता करते हैं उनकी जगह भरना मुश्किल है मैं उन्हें कभी नहीं भूल पाऊंगा. इससे पहले भी प्रधानमंत्री मोदी कई बार संसद में भावुक हो चुके हैं.
संसदीय दल का नेता चुने जाने पर पहली बार भावुक हुए थे पीएम मोदी
वर्ष 2014 में जब नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना गया था, तो वे भावुक होकर रो पड़े थे और कहा था कि मैं अपनी मां की सेवा के लिए आया हूं. इसके अलावा भी प्रधानमंत्री अपने संबोधन में संसद और संसद के बाहर भावुक हो चुके हैं.
इससे पहले वे कोरोना काल में उन हेल्थवर्कर्स को याद करके भी रो चुके हैं, जो आप जान गंवा चुके हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के लाभार्थी की बात सुनकर भी प्रधानमंत्री भावुक हो चुके हैं.
नरेंद्र मोदी ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो भावुक हैं और कई बार अपने आंसुओं को रोक नहीं पाये हैं. वे फेसबुक के मुख्यालय में भी अपनी मां को याद करके रो चुके हैं.
Posted By : Rajneesh Anand