नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार ने सरकारी कामकाज की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक से पहले 5 सीबीआई (CBI) अफसरों और एक वरिष्ठ वकील को जबरन सेवानिवृत्ति (Force Retirement) दे दी गयी है. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पीएम मोदी आज कैबिनेट की समीक्षा बैठक कर रहे हैं. इसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी.
मंगलवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार की समीक्षा बैठक कर रहे हैं. इससे पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के पांच अधिकारियों और एक वरिष्ठ सरकारी वकील को फोर्स्ड रिटायरमेंट दिया गया है. सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों और वकील को मौलिक नियमों के जनहित से जुड़े खंड 56 (जे) के तहत हटाया गया है.
मौलिक नियमों के जनहित से जुड़े खंड 56 (जे) के तहत सरकार को कम से कम तीन महीने का लिखित नोटिस देकर या ऐसे नोटिस के बदले तीन महीने के वेतन और भत्ते देकर (उम्र और सेवा के मानदंडों को पूरा करने वाले) किसी भी सरकारी कर्मचारी को सार्वजनिक हित में सेवानिवृत्त करने का पूर्ण अधिकार है.
सरकारी सेवा में 50 साल की उम्र पूरी कर लेने वाले या सेवा के 30 साल पूरे करने के बाद खंड 56 (जे) के सीसीएस (पेंशन) रूल्स रिटेंशन के तहत सरकार किसी भी सरकारी सेवक को जबरन सेवानिवृत्ति दे सकती है. ऐसे कर्मचारियों के कार्यों की सरकार पहले समीक्षा करती है.
नियम के मुताबिक, 50 या 55 साल की उम्र पूरी करने या सेवा में 30 साल व्यतीत करने में जो कम हो, उसकी मियाद पूरी होने से 6 महीने पहले उसके कार्यों की समीक्षा करती है. समीक्षा में अगर सरकार को लगता है कि ऐसे लोगों को जनहित में सेवा से हटाये जाने की जरूरत है, तो वह ऐसा करने का अधिकार रखती है.
Posted By: Mithilesh Jha