किसान आंदोलन के बीच पीएम मोदी सरकार ने बढ़ायी गेहूं और रबी फसलों की एमएसपी
Rabi Crops MSP: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में गेहूं समेत अन्य रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की नयी दरों को मंजूरी दे दी गयी.
नयी दिल्ली: दिल्ली और हरियाणा में कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलनों (Farmers Protest) के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सरकार ने वर्ष 2022-23 के सीजन के लिए गेहूं समेत रबी की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (Rabi Crops MSP) में वृद्धि करने का एलान किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में गेहूं समेत अन्य रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की नयी दरों को मंजूरी दे दी गयी. सरकार ने कहा है कि किसानों को लेकर जो फैसले लिये गये हैं, उससे किसानों की आय को डबल करने में मदद मिलेगी.
गेहूं के लिए एमएसपी में 40 रुपये की वृद्धि की गयी है, जो अब 2015 रुपये हो गयी है. जौ की एमएसपी में 35 रुपये की वृद्धि की गयी है. वर्ष 2021-22 में गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रुपये था, जबकि जौ का एमएसपी 1600 रुपये था. अब जौ का एमएसपी 1635 रुपये हो गया है.
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गेहूं पर 100 फीसदी मुनाफा देने का सरकार का दावा
सरकार के मुताबिक, गेहूं की उत्पादन लागत 1,008 रुपये प्रति क्विंटल रहने का अनुमान है. इस लिहाज से किसानों को लागत मूल्य से 100 फीसदी ज्यादा मुनाफा देने का दावा किया गया है.
मसूर, रेपसीड और सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गयी है. सरकार का कहना है कि एमएसपी में पिछले वर्ष की तुलना में अधिकतम वृद्धि की गयी है. चना का समर्थन मूल्य 5100 रुपये से बढ़ाकर 5230 कर दिया गया है, जबकि लेंटिल (मसूर) का एमएसपी जो वर्ष 2021-22 में 5100 रुपये था, अब 5500 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है.
चना के मूल्य में 130 रुपये की वृद्धि
चना के खरीद मूल्य में 130 रुपये की वृद्धि हुई है. सरकार ने दावा किया है कि ये चना के अनुमानित लागत से 74 फीसदी अधिक है. सरसों के एमएसपी में भी 400 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गयी है. अब सरसों का खरीद मूल्य 5050 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. यह लागत मूल्य से 100 फीसदी अधिक है, ऐसा सरकार ने कहा है.
अप्रैल-जून के बीच होगी रबी फसल की खरीद
नयी दर अक्टूबर-नवंबर में बोयी जाने वाली रबी फसलों पर लागू होगी, जिसकी बिक्री अगले साल वर्ष 2022 के अप्रैल-जून के बीच की जायेगी. ज्ञात हो कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान 10 महीने से आंदोलन कर रहे हैं. किसानों ने आशंका जतायी है कि सरकार एमएसपी खत्म कर देगी. सरकार को उम्मीद है कि इस घोषणा से किसानों का विश्वास जीतने में मदद मिलेगी.
Posted By: Mithilesh Jha
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