नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों के साथ बैठक के बाद इस बात के संकेत दे दिये हैं कि देश में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जायेगी. पीएम मोदी आज विपक्षी दलों के नेताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात कर रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्ष समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को बताया कि कोरोना वायरस के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन एक बार में नहीं हटाया जायेगा. सर्वदलीय बैठक में शामिल रहे बीजद नेता पिनाकी मिश्रा ने यह बात बतायी. वहीं, प्रधानमंत्री ने कहा कि स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ जैसी है, कड़े निर्णय लेने की जरूरत है और हमें अवश्य ही सतर्क रहना चाहिए. मोदी की यह टिप्प्णी ऐसे समय में आयी है जब उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक की और कोरोना वायरस के कारण देश में उत्पन्न स्थिति और सरकार द्वारा इसे तेजी से फैलने से रोकने के प्रयासों पर चर्चा की.
Delhi: Prime Minister Narendra Modi held a meeting with floor leaders of parties whose combined strength in Lok Sabha and Rajya Sabha adds up to 5 MPs, via video conferencing today, on #COVID19 situation in the country. pic.twitter.com/62LkzLGhYE
— ANI (@ANI) April 8, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 पर सर्वदलीय बैठक में नेताओं से कहा कि सरकार की जिम्मेदारी प्रत्येक व्यक्ति के जीवन की सुरक्षा करना है . उन्होंने नेताओं से कहा, ‘‘ स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ जैसी है, कड़े निर्णय लेने की जरूरत है और हमें अवश्य ही सतर्क रहना चाहिए. प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक के बाद बीजद नेता पिनाकी मिश्रा ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि 14 अप्रैल को एक साथ लॉकडाउन नहीं हटेगा. मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमसे कहा कि कोरोना वायरस से पहले और कोरोना वायरस के बाद का जीवन एक जैसा नहीं होगा. बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमने कोरोना वायरस संकट के दौरान सरकार की मदद के लिए बहु-दलीय कार्य समूह बनाने का सुझाव दिया है. प्रधानमंत्री 11 अप्रैल को प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से दोबारा बात करने वाले हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्ष समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक की और कोरोना वायरस के कारण देश में उत्पन्न स्थिति और इसे तेजी से फैलने से रोकने के सरकार के प्रयासों पर चर्चा की. इस बैठक में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, राकांपा के शरद पवार, शिवसेना के संजय राउत के अलावा तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, द्रमुक के टी आर बालू, बीजद के पिनाकी मिश्रा, वाईएसआर के मिथुन रेड्डी, सपा के राम गोपाल यादव, जदयू के राजीव रंजन सिंह, लोजपा के चिराग पासवान, अकाली दल के सुखवीर सिंह बादल सहित कई अन्य दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया.
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब सरकार ने संकेत दिया है कि वह वायरस को तेजी से फैलने से रोकने के लिए कई राज्यों एवं विशेषज्ञों के देशव्यापी लॉकडाउन को 14 अप्रैल के बाद बढ़ाने की राय पर विचार कर सकती है. स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार सुबह को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में कोविड-19 के कारण अब तक 149 लोगों की मौत हुई है जबकि इसके कारण 5194 लोग संक्रमित हुए हैं. देश में कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन का यह तीसरा सप्ताह है और इसके पॉजिटिव मामले लगातार सामने आ रहे हैं . प्रधानमंत्री ने संसद के दोनों सदनों में उन दलों के नेताओं के साथ संवाद किया जिनके संसद में पांच से अधिक सांसद हैं .
गौरतलब है कि 24 मार्च से 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री का विपक्षी दलों के साथ यह पहला संवाद है. हालांकि, प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर 2 अप्रैल को देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संवाद किया था. प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में डाक्टरों, पत्रकारों, विदेशों में भारतीय मिशनों के राजनयिकों सहित विभिन्न पक्षकारों से बातचीत की है. हाल ही में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, द्रमुक प्रमुख स्टालिन सहित कई नेताओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद कर महामारी रोकने के लिये सरकार के प्रयासों की जानकारी दी थी . मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, प्रणब मुखर्जी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्रियों एच डी देवेगौड़ा और मनमोहन सिंह से भी बात की थी .