नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिये गत 25 मार्च से तीन मई तक के लिये लागू देशव्यापी बंद (लॉकडाउन) को चरणबद्ध तरीके से हटाने के उपायों और कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति पर सोमवार को विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर चर्चा की. बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने 3 मई के बाद भी लॉकडाउन को बढ़ाने की अपील की.
सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार बैठक में मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा, हमें कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के साथ अर्थव्यवस्था को भी समान रूप से अहमियत देने की जरूरत है. प्रधानमंत्री ने कोरोना संक्रमण रोकने की दिशा में लॉकडाउन को सार्थक उपाय बताते हुये कहा कि इसके सकारात्मक परिणाम मिले हैं और पिछले, लगभग डेढ़ महीने में लॉकडाउन के दौरान देश में हजारों लोगों के जीवन की रक्षा की जा सकी है.
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बैठक में मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि कोविड-19 का जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव आने वाले महीनों में दिखेगा. उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिये इस्तेमाल हो रहे मास्क और चेहरा ढकने वाला गमछा आदि अब जीवन का हिस्सा बन जायेंगे. उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा कि कोरोना संकट से निपटने के लिये राज्यों के प्रयास, संक्रमण से प्रभावित रेड जोन इलाकों को कम प्रभाव वाले ऑरेंज जोन में और फिर संक्रमण मुक्त ग्रीन जोन में तब्दील करने पर केन्द्रित होने चाहिये.
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक के दौरान ज्यादातर मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन तीन मई के बाद भी आगे बढ़ाने की राय दी और साथ ही सजग रुख के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया. नारायणसामी ने यह भी बताया कि बैठक में उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी कामगारों एवं छात्रों को वापस लाने के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने का भी सुझाव दिया.
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पीएम मोदी संग बैठक में लगभग 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन आगे बढ़ाने की वकालत की है. जिन राज्यों ने लॉकडाउन बढ़ाने की अपील की है उसमें दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश, गुजरात जैसे राज्य शामिल हैं.
गौरतलब है कि देश में कोरोना संकट की शुरुआत के बाद 22 मार्च से अब तक प्रधानमंत्री मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चार बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर चुके हैं. बैठक में मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा ने राज्य में तीन मई के बाद भी लॉकडाउन को जारी रखने की बात कही है.
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उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने देश में 25 मार्च से दो चरण में लॉकडाउन लागू किया है. इसके तहत पहले चरण में 24 मार्च को 21 दिन के लिये और दूसरे चरण में 14 अप्रैल को तीन मई तक 19 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी.
बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय एवं अन्य संबद्ध मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री भी बैठक में हिस्सा ले रहे हैं.
संगमा ने ट्वीट कर कहा, प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आहूत वीडियो कांफ्रेंस बैठक में हमने कोरोना से अप्रभावित मेघालय के ग्रीन जोन क्षेत्रों के जिलों में तीन मई के बाद आंशिक छूट देने के अलावा राज्य के शेष इलाकों में लॉकडाउन जारी रखने की बात कही है. बैठक में हिस्सा ले रहे तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री मास्क लगाए नजर आये तो वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने हरे रंग के बॉर्डर वाले सफेद गमछे से मुंह को ढंका हुआ था.
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को रेडियो पर अपने मासिक संबोधन ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा था कि कोरोना संक्रमण के कारण देश में युद्ध जैसी स्थिति है. उन्होंने जोर दिया कि लोगों को सावधान रहने और सावधानी बरतने की जरूरत है. मोदी ने सावधानी बरतने पर जोर ऐसे समय दिया है जब केंद्र सरकार और राज्य आर्थिक गतिविधियों को फिर से बहाल करने के लिए लॉकडाउन मानदंडों में छूट दे रहे हैं. उन्होंने कहा, मैं आपसे अति आत्मविश्वासी नहीं होने का आग्रह करता हूं. आपको अपने अति-उत्साह में यह नहीं सोचना चाहिए कि यदि कोरोना वायरस अभी तक आपके शहर, गांव, सड़क या कार्यालय तक नहीं पहुंचा है, तो यह अब नहीं पहुंचेगा. कभी भी ऐसी गलती न करें. दुनिया का अनुभव हमें इस संबंध में बहुत कुछ बताता है.
केंद्र और राज्य सरकारें आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और लोगों को राहत प्रदान करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों को क्रमिक छूट दे रही हैं. हालांकि कुछ राज्य लॉकडाउन को तीन मई के बाद भी जारी रखने के इच्छुक हैं ताकि यह यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले नियंत्रण में रहें.