पीएम मोदी ने श्रीसंत ज्ञानेश्वर पालखी मार्ग और संत तुकाराम पालखी मार्ग का किया शिलान्यास, मांगे तीन आशीर्वाद
पीएम मोदी ने संत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का शिलान्यास करने के बाद कहा कि आज जब मैं अपने वारकरी भाई-बहनों से बात कर रहा हूं, तो आपसे आशीर्वाद में तीन चीजें मांगता हूं.
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का शिलान्यास किया. इस अवसर पर उन्होंने वारकरी समाज के लोगों से तीन आशीर्वाद भी मांगे. पीएम मोदी ने मार्गों का शिलान्यास करने के बाद कहा कि आज जब मैं अपने वारकरी भाई-बहनों से बात कर रहा हूं, तो आपसे आशीर्वाद में तीन चीजें मांगना चाहता हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि आपका हमेशा मुझ पर इतना स्नेह रहा है कि मैं खुद को रोक नहीं पा रहा. दूसरा आशीर्वाद मुझे चाहिए कि इस पैदल मार्ग पर हर कुछ दूरी पर पीने के पानी की व्यवस्था की जाये. इन मार्गों पर अनेकों प्याऊ बनाए जाएं.
पीएम ने कहा कि उन्हें जो तीसरा आशीर्वाद चाहिए, वह पंढरपुर के लिए है. पीएम ने कहा कि मैं भविष्य में पंढरपुर को भारत के सबसे स्वच्छ तीर्थ स्थलों में देखना चाहता हूं. ये काम भी जनभागीदारी से ही होगा. जब स्थानीय लोग स्वच्छता के आंदोलन का नेतृत्व करेंगे, तभी हम इस सपने को साकार कर पायेंगे.
Pandharpur signifies happiness and prosperity, and with today's foundation laying, the aspect of service has also been adjoined to it. About 225 km long national highway, which connects to Pandharpur, has also been inaugurated today: PM Modi pic.twitter.com/el7bOAwKTV
— ANI (@ANI) November 8, 2021
पीएम मोदी ने कहा कि पंढरपुर प्रसन्नता और प्रगति का प्रतीक है. राष्ट्रीय राजमार्ग से सटा यह पैदल पथ करीब 225 किलोमीटर लंबा है. पीएम ने कहा कि श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग का निर्माण पांच चरणों में होगा और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का निर्माण तीन चरणों में पूरा किया जायेगा. उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति को, भारत के आदर्शों को सदियों से यहां के धरती पुत्रों ने ही जीवंत बनाये रखा है.
सच्चा अन्नदाता समाज को जोड़ता है- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि एक सच्चा अन्नदाता समाज को जोड़ता है, समाज को जीता है, समाज के लिए जीता है. आपसे ही समाज की प्रगति है और आपकी ही प्रगति में समाज की प्रगति है. उन्होंने कहा कि अतीत में हमारे भारत पर कितने ही हमले हुए! सैकड़ों साल की गुलामी में ये देश जकड़ा गया. प्राकृतिक आपदाएं आयीं, चुनौतियों से हमें जूझना पड़ा, कठिनाइयों से हमने पार पाया, क्योंकि भगवान विट्ठल देव में हमारी आस्था थी.
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प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भी ये यात्रा दुनिया की सबसे प्राचीन और सबसे बड़ी जन-यात्राओं के रूप में, पीपुल मूवमेंट के रूप में देखी जाती है. ‘आषाढ़ एकादशी’ पर पंढरपुर यात्रा का विहंगम दृश्य कौन भूल सकता है. हजारों-लाखों श्रद्धालु खिंचे चले आते हैं. यात्राएं अलग-अलग पालखी मार्गों से चलती हैं, लेकिन सबका गंतव्य एक ही होता है.
पीएम मोदी ने कहा कि ये भारत की उस शाश्वत शिक्षा का प्रतीक है, जो हमारी आस्था को बांधती नहीं, बल्कि मुक्त करती है. जो हमें सिखाती है कि मार्ग अलग-अलग हो सकते हैं, पद्धतियां और विचार अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन हमारा लक्ष्य एक होता है. अंत में सभी पंथ ‘भागवत पंथ’ ही हैं.
सबके लिए खुला है भगवान विट्ठल का दरबार
पीएम मोदी ने कहा कि भगवान विट्ठल का दरबार हर किसी के लिए समान रूप से खुला है. जब मैं सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास कहता हूं, तो उसके पीछे भी यही भावना है. यही भावना हमें देश के विकास के लिए प्रेरित करती है, सबको साथ लेकर, सबके विकास के लिए प्रेरित करती है.
पंढरपुर तब से है जब संसार की सृष्टि भी नहीं हुई थी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पंढरपुर की सेवा मेरे लिए साक्षात् श्री नारायण हरि की सेवा है. ये वो भूमि है, जहां भक्तों के लिए भगवान आज भी प्रत्यक्ष विराजते हैं. ये वो भूमि है, जिसके बारे में संत नामदेव जी ने कहा है कि पंढरपुर तबसे है, जब संसार की भी सृष्टि नहीं हुई थी.
Posted By: Mithilesh Jha