प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को देश के किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए बड़ी सौगात दी. उन्होंने आज 35 नई फसलों की वैरायटी को देश को समर्पित करते हुए कई बातें कही. पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन को पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के लिये बड़ी चुनौती करार देते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में इन पहलुओं पर विज्ञान, सरकार एवं समाज को मिलकर काम करने एवं निरंतर गहन अनुसंधान की जरूरत है.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान के नये परिसर का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती है; नये कीट/रोग फसलों, पशुओं और इंसानों को प्रभावित कर रहे हैं. जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए कोशिशें तेज करने की जरूरत हैं. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष ही कोविड-19 महामारी से लड़ाई के बीच में हमने देखा है कि कैसे टिड्डी दल ने भी अनेक राज्यों में बड़ा हमला कर दिया था तथा भारत ने बहुत प्रयास करके इस हमले को रोका था, और किसानों का ज्यादा नुकसान होने से बचाया था.
मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण जो नए कीट, नई बीमारियां, महामारियां आ रही हैं, इससे इंसान और पशुधन के स्वास्थ्य पर भी बहुत बड़ा संकट आ रहा है और फसलें भी प्रभावित हो रही हैं. इन पहलुओं पर गहन अनुसंधान निरंतर जरूरी है. उन्होंने कहा कि किसानों को प्रौद्योगिकी से जोड़ने के लिए हमने उन्हें बैंकों से मदद की प्रक्रिया को और आसान बनाया है तथा आज किसानों को ज्यादा बेहतर तरीके से मौसम की जानकारी मिल रही है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब विज्ञान, सरकार और समाज मिलकर काम करेंगे तो उसके नतीजे और बेहतर आएंगे. किसानों और वैज्ञानिकों का ऐसा गठजोड़, नई चुनौतियों से निपटने में देश की ताकत बढ़ाएगा. उन्होंने राज्यों से भारतीय मोटे अनाज को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ले जाने के लिए कार्य बल का गठन करने को कहा. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र संबंधी उच्च गुणवत्ता वाले आंकड़े तथा समय पर समाधान हासिल करने के लिए आधुनिक ड्रोन एवं सेंसर का इस्तेमाल बढ़ाने की जरूरत है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी को हर गांव में पहुंचाने की जरूरत है और इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कदम उठाए गए हैं.
Posted By : Amitabh Kumar