नयी दिल्ली : भारत चीन सीमा पर तनाव के बीच पीएम मोदी के लेह दौरे पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने पीएम मोदी के लेह दौरे की तस्वीर को रिट्वीट कर कहा इंदिरा गांधी की तस्वीर शेयर की है. तस्वीर के साथ ही तिवारी ने कहा कि जब इंदिरा गांधी लेह गई थी, तो पाकिस्तान दो टुकड़ों में बंटा था, अब देखते हैं, क्या होता है?
दरअसल, इंदिरा गांधी की यह लेह यात्रा भारत और पाकिस्तान के दूसरे युद्ध से कुछ दिन पहले हुई थी. इस दौरे में इंदिरा ने सेना के जवानों संबोधित किया था. इंदिरा गांधी का दौरा ऐसे समय में हुआ था, जब पाकिस्तान लगातार बांग्लादेश(तब पूर्वी पाकिस्तान) में मानवाधिकार का हनन कर रही थी और भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में अशांति बनी हुई थी. इंदिरा के इस दौरे कुछ दिन बाद ही भारत-पाक युद्ध शुरू हुआ था, जिसमें पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी.
क्यों करना पड़ा था इंदिरा को लेह का दौरा- इंदिरा गांधी ने 7 जुलाई 1971 को लेह दौरे पर गई थी. इस दौरे की बुनियाद मई के शुरू आती महीने में रखी गई थी. मई से ही पाकिस्तान ने पूर्वी पाकिस्तान क्षेत्र में अपनी हलचह बढ़ा दी थी और हर आवाज को दबाने में लगी थी. इसी बीच इंदिरा ने तत्कालीन जनरल मॉनेकशॉ को बुलाकर युद्ध कीस्थिति के लिए तैयार रहने को कहा. इसी बीच चीनी सेना लेह और लद्दाख के नाथूला इलाके में हरकत शुरू कर देती है. वहीं पाकिस्तान के भी कई विमान बॉर्डर इलाके में घुसने का प्रयास करती है. इसके बाद खुद लेह जाने की फैसला करती है.
इन फीड के मुताबिक इंदिरा 7 जुलाई को लेह पहुंचती है. इंदिरा के इस दौरे के बारे में किसीको कानोंकान खबर नहीं मिलती है. इंदिरा के इस दौरे के बाद चीन पर सामरिक प्रेशर बढ़ जाता है, जिसके बाद चीनी सेना सीमा से 7 किमी वापस लौट जाती है. इंदिरा के इस दौरे के बाद एशिया में पाकिस्तान अलग थलग पड़ जाता है.
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में भारतीय एवं चीनी बलों के बीच हिंसक झड़प के कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के साथ शुक्रवार को लेह पहुंचे है. सूत्रों ने बताया कि मोदी सुबह करीब साढ़े नौ बजे लेह पहुंचे. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री इस समय निमू में एक अग्रिम स्थल पर हैं और थलसेना, वायुसेना एवं आईटीबीपी के कर्मियों से बात कर रहे हैं. सिंधु नदी के तट पर 11,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित निमू सबसे दुर्गम स्थानों में से एक है. यह जंस्कार पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है.
Posted By : Avinish Kumar Mishra