Mann Ki Baat: अति आत्मविश्वास में न फंस जाएं, सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी, कोरोना को लेकर पीएम मोदी की अपील

PM Narendra Modi Mann Ki Baat, corona virus update, coronavirus covid-19 cases in india, coronavirus lockdown india: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक बार फिर 'मन की बात' के जरिये देश को संबोधित किया. कोरोना वायरस कहर के बीच रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में पीएम मोदी ने कोरोना लॉकडाउन के ऊपर बात की. पढ़ें 'मन की बात' कार्यक्रम की बड़ी बातें.

By Utpal Kant | April 26, 2020 11:47 AM
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मुख्य बातें

PM Narendra Modi Mann Ki Baat, corona virus update, coronavirus covid-19 cases in india, coronavirus lockdown india: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक बार फिर ‘मन की बात’ के जरिये देश को संबोधित किया. कोरोना वायरस कहर के बीच रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने
कोरोना लॉकडाउन के ऊपर बात की. पढ़ें ‘मन की बात’ कार्यक्रम की बड़ी बातें.

लाइव अपडेट

अगले मन की बात तक दुनिया भर में कोरोना से मिले राहत

पीएम बोले- अगली मन की बात के समय जब मिलें तब, इस वैश्विक-महामारी से कुछ मुक्ति की खबरें दुनिया भर से आएं, मानव-जात इन मुसीबतों से बाहर आए. इसी प्रार्थना के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद.

सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी

पीएम बोले- मेरे प्यारे देशवासियों, इस वैश्विक-महामारी के संकट के बीच आपके परिवार के एक सदस्य के नाते, और आप सब भी मेरे ही परिवार-जन हैं, तब कुछ संकेत करना,कुछ सुझाव देना, यह मेरा दायित्व भी बनता है. हम कतई आत्मविश्वास में न फंस जाएं. हम ऐसा विचार न पाल ले कि हमारे शहर, हमारे गांव हमारी गली में कोरोना नहीं पहुंचा है. ऐसी गलती कभी मत पालना. दुनिया का अनुभव हमें बहुत कुछ कह रहा है. और हमारे यहां तो बार बार कहा जाता है कि सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी.

कोरोना से बदला त्योहार का रंगरूप

पीएम बोले- पिछले दिनों ही हमारे यहां बिहू, बैसाखी, पुथंडू, विशू, ओड़िया नववर्ष ऐसे अनेक त्योहार आये. हमने देखा कि लोगों ने कैसे इन त्योहारों को घर में रहकर, सादगी के साथ मनाया. लॉकडाउन के नियमों का पालन किया. इस बार हमारे ईसाई दोस्तों ने ईस्टर भी घर पर ही मनाया है. कोरोना ने देश-दुनिया के त्योहार का रंगरूप ही बदल दिया

ईद आने से पहले दुनिया कोरोना से मुक्त हो जाये

पीएम बोले- साथियों, रमजान का भी पवित्र महीना शुरू हो चुका है. अब अवसर है इस रमजान को संयम, सद्भावना, संवेदनशीलता और सेवा-भाव का प्रतीक बनाएं. इस बार हम, पहले से ज्यादा इबादत करें ताकि ईद आने से पहले दुनिया कोरोना से मुक्त हो जाये. उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि रमजान के इन दिनों में स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना के खिलाफ चल रही इस लड़ाई को हम और मजबूत करें.

कौन है अक्षय

पीएम बोले- मेरे प्यारे देशवासियो, ये सुखद संयोग ही है, कि, आज जब आपसे मैं मन की कर रहा हूं तो अक्षय तृतीया का पवित्र पर्व भी है. साथियो, ‘क्षय’ का अर्थ होता है विनाश लेकिन जो कभी नष्ट नहीं हो, जो कभी समाप्त नहीं हो वो ‘अक्षय है. माना जाता है कि यही वो दिन है जिस दिन भगवान श्रीकृष्ण और भगवान सूर्यदेव के आशीर्वाद से पांडवों को अक्षय-पात्र मिला था. अक्षय-पात्र यानि एक ऐसा बर्तन जिसमें भोजन कभी समाप्त नही होता है.

आयुर्वेद और योग का बढ़ा मान

दुनिया-भर में भारत के आयुर्वेद और योग के महत्व को लोग बड़े विशिष्ट-भाव से देख रहे हैं. कोरोना की दृष्टि से, आयुष मंत्रालय ने इम्युनिटी बढ़ाने के लिए जो प्रोटोकॉल दिया था, मुझे विश्वास है कि आप लोग, इसका प्रयोग, जरुर कर रहे होंगे.

दूसरे देशों को दवा की मदद कर मानवता दिखायी

भारत ने अपने संस्कारो के अनुरूप, हमारी सोच के अनुरूप, हमारी संस्कृति का निर्वहन करते हुए कुछ फ़ैसले लिए. संकट की इस घड़ी में, दुनिया के लिए,समृद्ध देशों के लिए भी दवाईयों का संकट बहुत ज्यादा रहा है. भारत ने अपने संस्कृति के अनुरूप फैसला लिया.

प्रकृति, विकृति और संस्कृति

पीएम मोदी बोले- जो मेरा नहीं है,जिस पर मेरा हक नहीं है उसे मैं दूसरे से छीन लेता हूँ, उसे छीनकर उपयोग में लाता हूं तब हम इसे ‘विकृति’ कह सकते हैं. इन दोनों से परे,प्रकृति और विकृति से ऊपर जब कोई संस्कारित-मन सोचता है या व्यवहार करता है तो हमें संस्कृती नजर आती है.प्रकृति, विकृति और संस्कृति, इन शब्दों को एक साथ देखें और इसके पीछे के भाव को देखें तो आपको जीवन को समझने का भी एक नया द्वार खुलता हुआ दिखेगा.ये मेरा है,मैं इसका उपयोग करता हूं, बहुत स्वाभाविक माना जाता है इसे हम ‘प्रकृति’ कह सकते हैं.

पुलिस को लेकर लोगों की सोच में बदलाव

पीएम मोदी बोले- जिस तरह से हर मदद के लिए पुलिस सामने आ रही है इससे पुलिसिंग का मानवीय और संवेदनशील पक्ष हमारे सामने उभरकर के आया है. हमारे पुलिसकर्मियों ने, इसे जनता की सेवा के एक अवसर के रूप में लिया है. हम सबने इस सकारात्मकता को कभी भी नकारात्मकता के रंग से रंगना नहीं है.

पुलिस-व्यवस्था को लेकर बदली सोच

पीएम मोदी बोले- डॉक्टर हों, सफाईकर्मी हों, अन्य सेवा करने वाले लोग हों - इतना ही नहीं, हमारी पुलिस-व्यवस्था को लेकर भी आम लोगों की सोच में काफ़ी बदलाव हुआ है. हमारे पुलिसकर्मी गरीबों, जरुरतमंदो को खाना पंहुचा रहे हैं, दवा पंहुचा रहे हैं.

कोरोना एक अवसर

पीएम मोदी ने कहा- मेरे प्यारे देशवासियों, हम सब अनुभव कर रहे हैं कि कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ इस लड़ाई के दौरान हमें अपने जीवन को, समाज को, आस-पास हो रही घटनाओं को, एक फ्रेश नजरिए से देखने का अवसर भी मिला है. समाज के नजरिये में भी व्यापक बदलाव आया है.

परिश्रम बहुत प्रशंसनीय

पीएम बोले-प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण पैकेज़ के तहत ग़रीबों के खाते में पैसे सीधे ट्रांसफर किए जा रहे हैं. वृद्धावस्था पेंशन जारी की गई है. गरीबों को 3 महीने के मुफ्त गैस सिलेंडर, राशन सुविधायें दी जा रही हैं. इसमें, सरकारी विभागों के लोग, बैंकिंग सेक्टर दिन-रात काम कर रहे हैं. हमारे देश की राज्य सरकारों की भी इस बात के लिए प्रशंसा करूंगा कि वो इस महामारी से निपटने में बहुत सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। स्थानीय प्रशासन, राज्य सरकारें जो जिम्मेदारी निभा रही हैं, उसकी, कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई में बड़ी भूमिका है. उनका ये परिश्रम बहुत प्रशंसनीय है

लाइफ लाइन उड़ान

पीएम बोले- देश के हर हिस्से में दवाईयों को पहुंचाने के लिए लाइफ लाइन उड़ान नाम से एक विशेष अभियान चल रहा है. 500 टन से अधिक मेडिकल सामग्री देश के कोने-कोने में पहुंचा है. रेलवे 100 से भी ज्यादा पार्सल ट्रेन चला रही है.

हर लड़ाई, कुछ-न-कुछ सबक देती है

पीएम बोले- साथियो, हर मुश्किल हालात, हर लड़ाई, कुछ-न-कुछ सबक देती है, कुछ-न-कुछ सिखा करके जाती है, सीख देती है. कुछ संभावनाओं के मार्ग बनाती है और कुछ नई मंजिलों की दिशा भी देती है.

पीएम बोले- सरकार ने http://covidwarriors.gov.in के माध्यम से सामाजिक संस्थाओं के Volunteers, Civil Society के प्रतिनिधि और स्थानीय प्रशासन को एक-दूसरे से जोड़ दिया है. इनमें Doctor, Nurses, ASHA, ANM, NCC, NSS व अन्य professionals हैं जो crisis management plan बनाने मदद कर रहें हैं.

भविष्य में होगी भारत की चर्चा

पीएम बोले- जब पूरा विश्व इस महामारी के संकट से जूझ रहा है. भविष्य में जब इसकी चर्चा होगी, उसके तौर-तरीकों की चर्चा होगी, मुझे विश्वास है कि भारत की यह people driven लड़ाई, इसकी ज़रुर चर्चा होगी. ग़रीबों के लिए खाने से लेकर, राशन, लॉकडाउन का पालन हो, अस्पतालों की व्यवस्था हो, मेडिकल उपकरणों का देश में ही निर्माण- आज पूरा देश, एक लक्ष्य, एक दिशा, साथ-साथ चल रहा है. जिस ज़ज्बे से देशवासियों ने, कुछ-न-कुछ करने की ठान ली - हर किसी को इन बातों ने प्रेरित किया है. हमारे किसान भाई-बहनों को ही देखिये – एक तरफ, वो, इस महामारी के बीच अपने खेतों में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं और इस बात की भी चिंता कर रहे हैं कि देश में कोई भी भूखा ना सोये. हर कोई, अपने सामर्थ्य के हिसाब से, इस लड़ाई को लड़ रहा है. कोई अपनी पूरी पेंशन, पुरस्कार राशि को पीएम केयर्स फंड में जमा करा रहा है. कोई खेत की सारी सब्जियां दान दे रहा है, कोई मास्क बना रहा है,कहीं मजदूर भाई-बहन कोरेंटाइन रहने के बाद स्कूल की रंगाई-पुताई कर रहे हैं.

जन-जन इस लड़ाई का सिपाही

पीएम मोदी ने कहा- भारत जैसा विशाल देश, जो विकास के लिए प्रयत्नशील है, गरीबी से निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है. उसके पास कोरोना से लड़ने और जीतने का यही एक तरीका है और हम भाग्यशाली हैं कि, आज पूरा देश, देश का हर नागरिक, जन-जन इस लड़ाई का सिपाही है, लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है.

मन की बात शुरू

पीएम मोदी ने कहा- नमस्कार, आप सब लॉकडाउन में इस मन की बात को सुन रहे हैं. इस मन की बात के लिये आने वाले सुझाव, फोन कॉल की संख्या, सामान्य रूप से कई गुणा ज्यादा है.मैंने कोशिश की है, कि, इनको ज्यादा-से-ज्यादा पढ़ पाऊं, सुन पाऊं.

क्या-क्या बोल रहे पीएम मोदी, यहां सुनें लाइव

ये मुद्दे उठा सकते हैं पीएम मोदी

आज अप्रैल महीने का आखिरी रविवार है. 'मन की बात' कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को ही प्रसारित होता है.पीएम मोदी सुबह 11 बजे 'मन की बात' मासिक रेडियो कार्यक्रम के 64वें एडिशन में लोगों के सामने पेश होंगे. जाहिर है कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन है. इस वजह से छोटे दुकानदार, किसान और मजदूर वर्ग के लोगों के सामने जीने-मरने का संकट आ गया है. ऐसे में उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इनसे जुड़े मुद्दे भी उठाएंगे.

पीएम ने की अपील

शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लोगों से आज के 'मन की बात' कार्यक्रम सुनने की अपील की है. उन्होंने ट्वीट किया, 'इस बार के कार्यक्रम के लिए लोगों की तरफ से ढेर सारे सुझाव मिले हैं, 11 बजे सुनिए मन की बात.

मन की बात के 63वें संस्करण में क्या बोले

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से निपटने और लॉकडाउन से उपजे हालातों के बीच 63वें मन की बात संस्करण में पीएम मोदी ने सबसे पहले लॉकडाउन की वजह से लोगों को हो रही परेशानियों के लिए माफी मांगी थी और कहा था कि यह देश और देशवासियों को बचाने के लिए जरूरी था. पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई जीवन और मृत्यु के बीच की लड़ाई है और हमें इस जंग तो जीतना ही होगा. उन्होंने कोरोना के खिलाफ जंग में योगदान देने वाले फ्रंट लाइन सोल्जर्स का भी धन्यवाद दिया था.

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