नयी दिल्ली: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला (Birbhum District) में एक ही परिवार के 7 लोगों समेत 8 लोगों को जिंदा जलाकर मारे जाने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पहली बार मुंह खोला है. उन्होंने बंगाल के लोगों से आग्रह किया है कि ऐसी वारदात को अंजाम देने वाले लोगों को, ऐसे अपराधियों का हौसला बढ़ाने वाले लोगों को कभी माफ न करें. 8 लोगों की मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया. साथ ही राज्य सरकार को हरसंभव मदद देने का आश्वासन भी दिया.
पीएम मोदी ने बीरभूम की घटना पर शोक व्यक्त किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में हुई हृदयविदारक घटना पर संवेदना व्यक्त करता हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि ऐसा अपराध करने वालों को सजा मिले, इस दिशा में राज्य सरकार काम करेगी. पीएम मोदी ने आगे कहा कि मुझे उम्मीद है कि ऐसा जघन्य अपराध करने वालों को बंगाल की सरकार सजा दिलवायेगी. पीएम मोदी ने बंगाल के लोगों से भी अपील की कि वे ऐसे अपराधियों का हौसला बढ़ाने वालों को कभी माफ न करें.
बंगाल सरकार की हरसंभव मदद के लिए केंद्र तैयार
प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार की ओर से कार्रवाई की जायेगी, ऐसी उम्मीद जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से वह राज्य सरकार को आश्वस्त करना चाहते हैं कि अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाने में जो भी मदद चाहिए होगी, भारत सरकार मुहैया करायेगी. ज्ञात हो कि बीरभूम के रामपुरहाट एक ब्लॉक स्थित एक गांव में तृणमूल कांग्रेस के नेता भादू शेख की हत्या के बाद कई घरों को आग लगा दिया गया. इसमें कम से कम 8 लोग जिंदा जल गये.
8 लोगों को जिंदा जलाये जाने के बाद बंगाल में राजनीति चरम पर
एक ही परिवार के 7 लोगों समेत 8 लोगों को जिंदा जलाये जाने के बाद पश्चिम बंगाल में राजनीति चरम पर है. केंद्र और राज्य सरकार के बीच तलवारें खिंच गयी हैं. भारतीय जनता पार्टी इस घटना की केंद्रीय जांच एजेंसियों सीबीआई या एनआईए से जांच कराने की मांग कर रही है, तो ममता बनर्जी की बंगाल सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. ममता बनर्जी ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह बंगाल को बदनाम करने के लिए मामले का राजनीतिकरण कर रही है.
कांग्रेस ने भी की राष्ट्रपति शासन की मांग
वहीं, भाजपा का कहना है कि मामले को दबाने के लिए एसआईटी जांच करवायी जा रही है. बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मामले की जांच एनआईए या सीबीआई से कराने की मांग की है. साथ ही उन्होंने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की है. इसके पहले बंगाल प्रदेश कांग्रेस के नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी कहा है कि वह राष्ट्रपति से मिलकर बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करेंगे.
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कलकत्ता हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
दूसरी तरफ, कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार (24 मार्च 2022) को 2 बजे तक घटना की रिपोर्ट देने के लिए कहा है. वहीं, ममता बनर्जी ने कहा है कि बंगाल में किसी को छींक आ जाती है, तो लोग आसमान सिर पर उठा लेते हैं. लोग कोर्ट पहुंच जाते हैं. ये उत्तर प्रदेश नहीं है. यह बंगाल है. हमने हाथरस से लेकर असम तक अपनी टीम भेजी, लेकिन हमारे सांसदों को वहां नहीं जाने दिया गया. उन्होंने कहा कि बंगाल में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा. जो भी दोषी होंगे उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
Posted By: Mithilesh Jha