PM Modi on Malnutrition: कुपोषण पर पीएम मोदी चिंतित ? लिया ये संकल्प, जानें कौन सा राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित
PM Narendra Modi spoke on malnutrition : 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कुपोषण को खत्म करने की तैयारी को लेकर एक घोषणा की है. मोदी ने कहा कि साल 2024 तक इस देश कुपोषण को खत्म कर दिया जाएगा.
स्वतंत्रता दिवस (Independence day) के मौके पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुपोषण (Malnutrition) का भी जिक्र किया. मोदी ने कुपोषण को खत्म करने की तैयारी पर घोषणा करते हुए कहा कि साल 2024 तक इस देश कुपोषण को खत्म कर दिया जाएगा.
लाल किले से PM मोदी ने कहा, ‘सरकार अपनी अलग-अलग योजनाओं के तहत जो चावल गरीबों को देती है, उसे फोर्टिफाई करेगी, गरीबों को पोषणयुक्त चावल देगी. राशन की दुकान पर मिलने वाला चावल हो, मिड डे मील में मिलने वाला चावल हो, वर्ष 2024 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाला चावल फोर्टिफाई कर दिया जाएगा.’
2024 तक कुपोषण खत्म करने की तैयारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi) ने इस बात का एलान करते हुए कहा कि साल 2024 तक देश से कुपोषण की बीमारी को खत्म कर दिया जाएगा और इसके लिए गरीबों और राशन की दुकानों पर पोषक चावल देने की प्रबंध किया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गरीब महिलाओं और बच्चों के विकास में कुपोषण बहुत बड़ी बाधा बना है. इसलिए हमने फैसला किया है कि गरीबों को पोषक युक्त चावल दिया जाएगा.
10 लाख कुपोषित बच्चे
न्यूज एजेंसी PTI की एक RTI में सामने आया था कि देशभर में करीब 10 लाख ऐसे बच्चे हैं जो गंभीर रूप से कुपोषित (Severely Acute Malnourished) हैं. RTI के जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development) ने बताया था कि पिछले साल नवंबर तक 9,27,606 बच्चों गंभीर रूप से कुपोषित हैं. इनमें से 3.98 लाख बच्चे यूपी और 2.79 लाख बच्चे बिहार में हैं.
10 राज्य जो सबसे ज्यादा कुपोषित
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यूपी – 3,98,359
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बिहार – 2,79,427
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महाराष्ट्र – 70, 665
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गुजरात – 45, 749
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छत्तीसगढ़ – 37,249
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ओडिशा – 15,595
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तमिलनाडु – 12,489
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झारखंड – 12,059
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आंध्र प्रदेश – 11,201
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तेलंगाना – 9,045
कुपोषण को कैसे पहचानें
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यदि मानव शरीर को सन्तुलित आहार के जरूरी तत्त्व लम्बे समय न मिलें तो निम्नलिखित लक्षण दिखते हैं। जिनसे कुपोषण का पता चल जाता है.
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शरीर की वृद्धि रुकना.
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मांसपेशियां ढीली होना अथवा सिकुड़ जाना.
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झुर्रियां युक्त पीले रंग की त्वचा.
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कार्य करने पर शीघ्र थकान आना.
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मन में उत्साह का अभाव चिड़चिड़ापन तथा घबराहट होना.
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बाल रुखे और चमक रहित होना.
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चेहरा कान्तिहीन, आंखें धंसी हुई और उनके चारों ओर काला वृत्त बनाना.
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शरीर का वजन कम होना तथा कमजोरी.
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नींद तथा पाचन क्रिया का गड़बड़ होना.
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हाथ पैर पतले और पेट बढ़ा होना या शरीर में सूजन आना (अक्सर बच्चों में), डॉक्टर को दिखलाना चाहिए. वह पोषक तत्त्वों की कमी का पता लगाकर आवश्यक दवाइयां और खाने में सुधार के बारे में बतलाएगा.
Posted By Ashish Lata