सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में गुरुवार यानी आज का दिन बेहद खास होने वाला है. क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देने वाले हैं. पीएम के बयान के बारे में जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिया.
राजनाथ सिंह ने कहा- गृह मंत्री ने मणिपुर मुद्दे पर विस्तार से जानकारी दी
सदन के उप नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गृह मंत्री शाह ने आज मणिपुर के मुद्दे पर अपने जवाब में विस्तार से जानकारी दी है और कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि मणिपुर में शांति बहाली के लिए पूरे सदन की ओर से अपील होनी चाहिए.
गृह मंत्री ने मणिपुर मामले में शांति की अपील की
लोकसभा ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव पर मणिपुर में सभी पक्षों से शांति बहाल करने और वार्ता की अपील की. गृह मंत्री शाह ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया कि मणिपुर में शांति बहाली के लिए इस सदन की ओर से अपील होनी चाहिए. शाह ने सदन में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए मणिपुर के मुद्दे पर सरकार की ओर से की गयी कार्रवाई का विस्तृत विवरण दिया और अपने भाषण के अंत में अध्यक्ष बिरला से प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया. शाह ने कहा, मैं इस सदन के माध्यम से मणिपुर की जनता से और वहां सभी पक्षों से आग्रह करता हूं कि वार्ता करें और शांति बहाली में सहयोग दें.
अधीर रंजन चौधरी ने पीएम मोदी को मणिपुर मामले में बोलने की मांग की
सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस तरह का प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में रखा जाता तो अच्छा होता. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष शुरू से मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के जवाब की मांग कर रहा है. चौधरी ने कहा, हमें गृह मंत्री की काबिलियत पर कोई शक नहीं है, लेकिन जो जवाब जिलाधिकारी को देना है, वो कोतवाल कैसे देंगे? लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संपूर्ण सदन मणिपुर की घटनाओं के बाद वहां शाति की अपील करता है. सदन से ध्वनिमत से इस प्रस्ताव पर सहमति जताई.
PM Modi to reply to the no-confidence motion in Lok Sabha tomorrow
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— ANI Digital (@ani_digital) August 9, 2023
26 जुलाई को कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ लाया था अविश्वास प्रस्ताव
विपक्ष ने 26 जुलाई को मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया था. हालांकि मोदी सरकार वोट नहीं खोएगी क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगियों के पास लोकसभा में बहुमत है.
क्या है अविश्वास प्रस्ताव
कोई भी लोकसभा सांसद, जिसके पास 50 सहयोगियों का समर्थन है, किसी भी समय मंत्रिपरिषद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है. इसके बाद प्रस्ताव पर चर्चा होती है. प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सांसद सरकार की कमियों को उजागर करते हैं, और ट्रेजरी बेंच उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर प्रतिक्रिया देते हैं. अंततः मतदान होता है और यदि प्रस्ताव सफल होता है, तो सरकार गिर जाती है.
लोकसभा में एनडीए की स्थिति
लोकसभा में एनडीए के पास 331 सांसदों के साथ बहुमत का आंकड़ा है, जिसमें से भाजपा के पास 303 सांसद हैं, जबकि विपक्षी गुट I-N-D-I-A के पास 144 संख्या बल है. यह दूसरी बार है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ रहा है. मोदी सरकार के खिलाफ इस तरह का पहला प्रस्ताव आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी का दर्जा देने को लेकर 2018 में पेश किया गया था जो बाद में हार गया था.