Coronavirus पर पीएम मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक, शाह ने बताया कैसे कंट्रोल होगा कोरोना
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोनावायरस (Coronavirus) के लगातार बढ़ते मामलों पर चर्चा ही और उससे निपटने के उपायों की जानकारी ली. प्रधानमंत्री ने उन आठ राज्यों के साथ बैठक की है, जहां पिछले कुछ दिनों में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. प्रधानमंत्री की बैठक में गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Dr Harshavardhan) के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बधेल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल हुए.
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोनावायरस (Coronavirus) के लगातार बढ़ते मामलों पर चर्चा ही और उससे निपटने के उपायों की जानकारी ली. प्रधानमंत्री ने उन आठ राज्यों के साथ बैठक की है, जहां पिछले कुछ दिनों में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. प्रधानमंत्री की बैठक में गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Dr Harshavardhan) के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बधेल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल हुए.
बैठक में अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों से बात करते हुए तीन प्वाइंट में बताया कि कैसे कोरोनावायरस पर काबू पाया जा सकता है. शाह ने मुख्यमंत्रियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि राज्य में कोविड-19 बीमारी के कारण मृत्यु दर 1 फीसदी से कम हो और मामले वृद्धि की दर 5 फीसदी से कम हो. सबसे महत्वपूर्ण उपाय में शाह ने मुख्यमंत्रियों को बताया कि कंटेनमेंट जोन के लिए नये रणनीति बनाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन की नयी रणनीति के तहत अधिकारियों को हर हफ्ते रेड जोन का दौरा करना चाहिए. उसके बाद एकत्र किये गये आंकड़ों के आधार पर किसी विशेष क्षेत्र की स्थिति को बदलना चाहिए. शाह ने अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया और कोविड-19 के लिए जारी गाइडलाइंस को सख्ती से पालन कराने की सलाह दी.
उद्धव ठाकरे ने कोरोना वैक्सीन पर कही यह बात
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बैठक में कहा कि कोविड-19 के टीके के वितरण का कामकाज देखने के लिए और टीकाकरण अभियान किस तरह चलाना है, इस बारे में विचार-विमर्श करने के लिए एक कार्यबल का गठन किया गया है. ठाकरे ने कहा, ‘कोरोना वायरस के टीके के विकास पर नजर रखने के लिए सरकार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के आदर पूनावाला के सतत संपर्क में है.’ पूनावाला सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ हैं, इस संस्थान ने कोविड-19 के ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित टीके के उत्पादन के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी की है.
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अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी से की यह मांग
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की तीसरी लहर की अधिक गंभीरता के कई कारण है तथा इनमें से एक महत्वपूर्ण कारण प्रदूषण है. केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से कहा कि तीसरी लहर में 10 नवंबर को दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 8,600 नये मामले सामने आए थे और उसके बाद से संक्रमण के मामलों की संख्या तथा संक्रमण की दर दोनों में तेजी से कमी आ रही है.
इसके साथ उन्होंने हाल ही में आई बायो-डिकम्पोजर तकनीक का उल्लेख करते हुए पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के कारण उत्पन्न होने वाले प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया. प्रधानमंत्री के साथ बैठक में केजरीवाल ने अनुरोध किया कि जब तक शहर में संक्रमण की तीसरी लहर का कहर जारी है तब तक दिल्ली स्थित केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए अतिरिक्त एक हजार आईसीयू बिस्तर आरक्षित किए जाएं.
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राजस्थान में हर दिन हो रही हैं 30,000 से अधिक जांच : गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोनावायरस संक्रमण महामारी के बीच चिकित्सा बुनियादी ढांचे को लगातार मजबूत किया है और इस समय राज्य में हर दिन कोरोना की 30,000 से अधिक जांच हो रही हैं. गहलोत ने कहा कि राज्य में सितंबर अक्तूबर में हर दिन कोरोना की 18,000 जांच हो रही थी. उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना की शत प्रतिशत जांच आरटी पीसीआर से हो रही हैं जो कि जांच की विश्वसनीय विधि है. उन्होंने कहा कि सरकार ने चिकित्सा स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान दिया है जिसके तहत आक्सीजन संयंत्र लगाना, आक्सीजन पाइपलाइन बिछाना, आईसीयू व आक्सीजन सुविधा वाले बेड की संख्या बढ़ाना शामिल है.
भाषा इनपुट के साथ
Posted By: Amlesh Nandan.