प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज IIT खड़गपुर के कन्वोकेशन में शामिल हुए, जहां उन्होंने छात्रों को संबोधित किया. छात्रों को संबोधित करते हुए यह कहा की ये जो डिग्री और मेडल आपके हाथ में है, वो एक तरह से करोड़ों आशाओं का आकांक्षा पत्र है, जिन्हें आपको पूरा करना है. इंजीनियर में ये क्षमता की की वो चीजों को Pattern से Patent तक ले जा सकते है. इसलिए जब वो यहां से निकलेंगे तो न सिर्फ अपने जीवन को स्टार्ट करें बल्कि देश के करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव लाने वाले स्टार्ट अप भी बनाएं ताकि अधिक से अधिक रोजगार मिल सके.
India of the 21st century has changed. Now IIT is not only the Indian Institute of Technology, but Institute of indigenous technology. Students should have – self confidence, self-awareness & selflessness: PM during 66th Convocation of the IIT-Kharagpur via video conferencing pic.twitter.com/rDwWNGTkgn
— ANI (@ANI) February 23, 2021
पीएम ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन के जिस मार्ग पर अब आप आगे बढ़ रहे हैं, उसमें निश्चित तौर पर आपके सामने कई सवाल भी आएंगे. ये रास्ता सही है, गलत है, समय बर्बाद तो नहीं हो जाएगा? ऐसे बहुत से सवाल आएंगे. इन सवालों का उत्तर है- सेल्फ थ्री यानी आत्म जागरूकता,आत्मविश्वास और निस्वार्थ भाव से आप आगे बढ़े. उन्होंने कहा कि सांइस, टेक्नॉलॉजी और इनोवेशन ये वो मार्ग है जहां जल्दबाज़ी के लिए कोई स्थान नहीं है.इसलिए इसकी पूरी संभावना है की युवा जो सोच रहे है, जिस इनोवेशन पर काम कर रहे हैं, उसमें पूरी सफलता ना मिले,लेकिन उस असफलता को भी सफलता ही माना जाएगा, क्योंकि आप उससे भी कुछ सीखेंगे.
उन्होंने कहा कि अब IITs को इंडियन इंस्टीट्यूट्स ऑफ टेक्नॉलॉजी ही नहीं, Institutes of Indigenous Technologies के मामले में Next Level पर ले जाने की जरूरत है और इसी क्रम में इंटरनेट ऑफ थिंग्स हो या फिर मॉडर्न कंस्ट्रक्शन टेक्नॉलॉजी, IIT खड़गपुर प्रशंसनीय काम कर रहा है.
पीएम ने कहा कि आज भारत उन देशों में से है जहां बहुत सोलर पावर की कीमत प्रति यूनिट बहुत कम है. लेकिन घर-घर तक सोलर पावर पहुंचाने के लिए अब भी बहुत चुनौतियां हैं. जिससे एक साथ मिलकर ही लड़ा जा सकता है.उन्होंने बताया की कैसे भारत मे बने सॉफ्टवेयर कोरोना से लड़ाई में काम आ रहे हैं. चाहे कोविड ऐप के द्वारा कन्टेनमेंट जोन की जानकारी हो , या वैक्सीन से जुड़े सवाल , हर जगहटेक्नोलोग्य की महतवपूर्ण भूमिका रही है.